शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में बुधवार की दोपहर हुए भूस्खलन में खबर लिखे जाने तक 13 शव निकाले जा चुके हैं। राहत एवं बचाव कार्य दल को उम्मीद हैं कि दर्जन से अधिक लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। केंद्र सरकार राज्य प्रशासन को हर संभव मदद देने को तैयार है। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल और एनडीआरएफ की टीम लगातार बचाव कार्य में लगी हुई है।
किन्नौर भूस्खलन पर आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि हमें बस का मलबा घटनास्थल से 500 मीटर नीचे ढलान पर मिला। अब तक 13 शव मिले हैं और 20 से ज़्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। ITBP के 300 जवान और NDRF और पुलिस बचाव कार्य में लगी है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किन्नौर भूस्खलन स्थल पर पहुंचकर स्थिति के बारे में जानकारी ली। खोज और बचाव अभियान ऊपर पत्थर आने की वजह से कुछ देर के लिए रोका गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन 1-2 दिन तक चल सकता है क्योंकि मशीनें पहुंचने की संभावना कम है। 50-60 डिग्री का ढ़लान है।
निगुलसेरी में मलबे को देखकर उन अमूल्य जिंदगियों के बारे में सोचकर मन गम से भरा पड़ा है जिनको हम हरसंभव प्रयास के बावजूद नहीं बचा सके,उनके परिवारों को संबल प्रदान करना हमारी प्रतिबद्धता है।
प्रभावितों के दर्द को मैं समझ सकता हूं,प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। pic.twitter.com/NPKtfJ3hl6
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) August 12, 2021
ITBP के कामांडेंट सुनील कांडपाल ने कहा कि सुबह 3 बजे से बचाव कार्य कर रहे हैं। 3 शव मिले हैं। रॉकबेस के पास हमलोग खुदाई कर रहे थे, वहां नोट्स और बस का टूटा हुआ सीट मिला है। वहां और भी लोग हो सकते हैं। ऊपर से पत्थर आ रहे हैं जिसकी वजह से हमने रोका है। जैसे ही ठीक होगा रेस्क्यू शुरू करेंगे।