Jharkhand 400 वकील लड़ेंगे दिवंगत मनोज झा का केस

अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड के आरोपी जल्द ही अपनी जमानत के लिए न्यायालय का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं। लेकिन रांची सिविल कोर्ट में उन्हें वकीलों के भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा।

रांची। रांची सिविल कोर्ट के दिवंगत अधिवक्ता मनोज झा की हत्या के बाद राज्य भर के वकीलों में काफी आक्रोश देखने को मिला। वकील हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए सड़क पर उतरे, जिसके बाद पुलिस ने काफी तत्परता दिखाते हुए इस कांड में शामिल सभी आरोपियों को एक-एक गिरफ्तार कर लिया। सभी अभियुक्त जेल की सलाखों के पीछे हैं। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वकील न्यायालय न्याय के लिए पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि 400 वकील दिवंगत मनोज झा का केस लड़ेंगे और आरोपियों को सजा दिलायेंगे।
रांची सिविल कोर्ट के करीब 400 से ज्यादा वकीलों ने दिवंगत मनोज झा के हत्या के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने का निर्णय लिया है।
रांची जिला बार एसोसिएशन से संबद्ध 400 से ज्यादा वकीलों ने इसके लिए वकालतनामा पर हस्ताक्षर कर दिया है, जिसमें सिविल कोर्ट के कई नामी क्रिमिनल लॉयर और वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हैं। मौजूदा परिस्थियों को देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि अधिवक्ता मनोज झा की हत्या में संलिप्तता के आरोपियों की मुश्किलें काफी बढ़ने वाली हैं।
जेवियर कॉलेज की जमीन को लेकर बीते 26 जुलाई को तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव में अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जेवियर कॉलेज जमीन के पक्ष में जमीन का फैसला आने के बाद व्यक्तिगत नुकसान और प्रतिष्ठा धूमिल होने पर अफसर ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अधिवक्ता मनोज झा की हत्या कर दी थी। इस मामले में फरार चल रहा मुख्य आरोपी अफसर उर्फ लंगड़ा को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली को सूचना के आधार पर रांची पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु से मुख्य आरोपी अफसर समेत दो आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में अफसर आलम और शोएब अख्तर शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से एक रिवॉल्वर और तीन गोली बरामद किये गये हैं। रांची पुलिस ने इससे पहले हत्या की घटना में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। रांची पुलिस की टीम ने मुख्य आरोपी अफसर आलम की गिरफ्तारी के लिए बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड के कई जिलों में करीब 20 जगहों पर छापेमारी की थी।
पुलिस की जांच में पता चला कि अधिवक्ता मनोज झा संत जेवियर कॉलेज प्रबंधन की ओर से रड़गांव में जमीन संबंधित कार्यों की देखरेख करते थे। उस जमीन पर मुख्य आरोपी अफसर आलम अपने अन्य सहयोगियों के साथ दावा करता था। जेवियर स्कूल ने उस जमीन को रड़गांव के शेख रजा के वंशजों से 2007 में खरीदा था। उसी समय गांव के कुछ लोगों ने इस संबंध में कोर्ट में आवेदन दिया था। तभी से मामला कोर्ट में चल रहा है। बताया जाता है कि जेवियर कॉलेज के पक्ष में कोर्ट का फैसला आया था, जिसके बाद अपराधी अफसर आलम अन्य अपराधकर्मियों के साथ मिलकर योजना बनायी कि अधिवक्ता मनोज की हत्या करने के बाद रास्ता साफ हो जाएगा, जिसके बाद उस जमीन को बेचकर हम सभी आपस में पैसे का बंटवारा कर लेंगे।
जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव में चर्च रोड रांची निवासी अधिवक्ता 55 वर्षीय मनोज झा की हत्या अपराधियों ने गोली मारकर कर थी। बीते 26 जुलाई को लगभग साढ़े तीन बजे दो पल्सर बाइक पर आये अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था। मनोज झा संत जेवियर स्कूल के जमीन विवाद में केस की पैरवी कर रहे थे। जेवियर स्कूल तमाड़ के रड़गांव में 14 एकड़ जमीन पर कॉलेज का निर्माण करा रहा था। वहां पर बाउंड्री का कार्य हो रहा था। बताया जाता है कि मनोज झा वहां पर देखरेख करने जाया करते थे। 26 जुलाई को भी वह चहारदीवारी निर्माण को देखने गए थे। निर्माण कार्य देखने के बाद वह रड़गांव से महज 500 मीटर की दूरी पर एक पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ी कर उसमें बैठे हुए थे। साथ में उनका चालक असलम भी था। तभी दो पल्सर मोटरसाइकिल पर पांच अपराधी आये और कार में बैठे मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।