“ये शादी नहीं, मेरे जीवन का सौदा है”: बाल विवाह से बची अयोध्या की आरती

नई दिल्ली। अयोध्या की 14 वर्षीय आरती (बदला हुआ नाम) को उसके रिश्तेदार जबरन एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से विवाह कराने पर आमादा थे। अनाथ आरती ने एक भावुक पत्र में लिखा, “मुझे पढ़ाई करनी है, लेकिन मेरी जबरन शादी कराई जा रही है। ये शादी नहीं, मेरे जीवन का सौदा है।”

यह पत्र ‘अपराजिता सामाजिक समिति’ तक पहुंचा, जिसने चाइल्डलाइन और स्थानीय प्रशासन की मदद से तुरंत कार्रवाई की। टीम ने आरती को उसके घर से रेस्क्यू कर लखनऊ के बालिका गृह में सुरक्षित पहुंचाया, जहां अब उसे शिक्षा और सुरक्षा दोनों मिल रही हैं।

संस्था की निदेशक किरण बैस ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए सिर्फ कानून नहीं, सोच बदलने की जरूरत है। आरती की हिम्मत आज हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है। यह कहानी बताती है कि यदि समय रहते आवाज उठाई जाए, तो सपने बचाए जा सकते हैं।
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