ऐक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज को मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत दे दी है।
11 नवंबर को, विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने कहा था कि आदेश तैयार नहीं था और श्रीलंकाई नागरिक फर्नांडीज को दी गई अंतरिम सुरक्षा मंगलवार तक बढ़ा दी गई थी।
बता दें कि अदालत ने गुरुवार को अभिनेत्री के साथ-साथ ईडी की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
दलीलों के दौरान अदालत ने मामले की जांच के दौरान फर्नांडीज को गिरफ्तार नहीं करने के फैसले पर केंद्रीय एजेंसी से सवाल किया था। इस दौरान विशेष न्यायाधीश ने कहा था कि “आपने (ईडी) एलओसी जारी करने के बावजूद जांच के दौरान अभी तक जैकलीन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? अन्य आरोपी जेल में हैं… आप अलग मानदंड क्यों रख रहे हैं?”
वहीं अदालत ने आगे कहा कि आपके पास चुनने और चुनने की नीति नहीं हो सकती। (एक आरोपी को) गिरफ्तार नहीं करने के कारण होने चाहिए।
अदालत के प्रश्न का जवाब देते हुए, एजेंसी की ओर से पेश अधिवक्ता शैलेश एन पाठक ने कहा कि अभिनेता के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर पहले से ही खुला था और इसलिए जांच अधिकारी ने गिरफ्तारी की अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं किया।
फर्नांडीज, जिन्हें ईडी ने जांच के सिलसिले में कई बार तलब किया था, को पहली बार सप्लीमेंट्री चार्जशीट में एक आरोपी के रूप में शामिल किया गया है।