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अनुपम खेर फ़िल्म साँचा की स्टोरी सुनकर काम करने को राजी हुए थे; निर्माता विवेक दीक्षित

फिल्म "साँचा" के निर्देशक आलोक नाथ दीक्षित, निर्माता : विवेक दीक्षित, हैं। रामखिलावन के रोल में अनुपम खेर ने जान डाल दी है। सामाजिक ईशु और सोसाइटी के कड़वे सच पर बेस्ड यह एक उम्दा सिनेमा है। फ़िल्म एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम की जा रही है, आप देख सकते हैं।

अनुपम खेर, रघुवीर यादव, मुकेश तिवारी, विजय राज, सुधा चंद्रन जैसे कलाकारों के कमाल के अभिनय से सजी फ़िल्म साँचा एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई है जिसे दर्शकों का बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। फ़िल्म मे अनुपम खेर का किरदार काफी पसंद किया जा रहा है, और उनकी नेचुरल एक्टिंग की काफी तारीफ हो रही है।

फ़िल्म साँचा के निर्माता विवेक दीक्षित ने अनुपम खेर से जुड़ी कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि चूंकि फ़िल्म की कहानी मैंने ही लिखी है, इसलिए कहानी अनुपम खेर को मैंने सुनाई थी, उन्हें कहानी बेहद पसंद आई। उन्होंने दिल से इसमे अदाकारी की। फ़िल्म भी उन्हें काफी अच्छी लगी। फ़िल्म की शूटिंग हमने राजपिपला, महाराष्ट्र में की थी। अनुपम खेर का बहुत सपोर्ट हासिल रहा। फ़िल्म को लेकर अनुपम खेर का कहना है कि यह एक बहुत अच्छी रियलिस्टिक फ़िल्म है, इसे लोगों को देखना चाहिए।

प्रोड्यूसर विवेक दीक्षित ने बताया कि यह अच्छे कंटेंट का ज़माना है। ओटीटी ने पूरा परिदृश्य बदल दिया है। लोग साँचा काफी देख रहे हैं, तारीफ कर रहे हैं। ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूर अपने समाज दुनिया से कटे हुए लोग होते हैं। वहां गरीबी कुपोषण शोषण सबकुछ होता है। इतनी तेज धूप में मजदूर काम करते हैं। हमने उस स्थिति को लेकर काफी रिसर्च किया, डेटा तय्यार किया, उस कल्चर को एडॉप्ट किया। ऐक्टर्स को ईंट भट्ठे पर लेकर गए, उन्हें जमीनी हकीकत दिखाई। जून की तपतपाती गर्मी में हमने इसे शूट किया। महाराष्ट्र के व्रजेश्वरी में ईंट भट्ठे का सेट लगाकर हमने सख्त गर्मी में इसे फ़िल्माया ताकि फ़िल्म रीयलिस्टिक लगे। एक्टर्स के चेहरे पर जो गरीबी और दर्द दिखाना था वह उतनी गर्मी में ही आ सकता था। घर से ईंट भट्ठे तक वैष्णवी के भागने का एक सीन था, मैंने उन्हें नंगे पैर भागने को कहा ताकि जमीन की गर्मी की शिद्दत उनके चेहरे पर छलके। वैष्णवी ने चंदा का रोल किया है, इस सीन को करने में उनके पांव में छाले पड़ गए थे। रघुबीर यादव वैनिटी वैन में नहीं बैठते थे बल्कि वहीं पेड़ के नीचे बैठ जाते थे। मजदूरों का कल्चर उन्होंने एडॉप्ट किया।

फ़िल्म में अनुपम खेर ने गांव के एक दुकानदार के किरदार को बखूबी निभाया है।

निर्माता विवेक दीक्षित ने साँचा के बाद एक तमिल फिल्म बनाई, फिलहाल वह एक और हिंदी फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उसकी कहानी रेडी है। वह सोशल ईशु पर बेस्ड फ़िल्म बनाना पसन्द करते हैं। रियलिस्टिक और सन्देश देने वाली फिल्म बनाते हैं। ऐसा सिनेमा जिससे समाज को कुछ दे पाए।

आपको बता दें कि फिल्म “साँचा” के निर्देशक आलोक नाथ दीक्षित, निर्माता : विवेक दीक्षित, हैं। रामखिलावन के रोल में अनुपम खेर ने जान डाल दी है। सामाजिक ईशु और सोसाइटी के कड़वे सच पर बेस्ड यह एक उम्दा सिनेमा है। फ़िल्म एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम की जा रही है, आप देख सकते हैं।

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