पटना। रेलवे एनटीपीसी परीक्षा में धांधली की बात को लेकर पहले आगजनी हुई। कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई। उसके बाद बिहार में युवाओं ने बंद का आह्वान किया है। इस बंद को गैर भाजपा और जदयू को छोड़कर सभी दलों का समर्थन प्राप्त है। प्रशासन सतर्क है। रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) समेत कई छात्र संगठनों द्वारा 28 जनवरी को बिहार रखने का ऐलान किया है।
विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, भाकपा एवं माकपा ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से एक ब्यान जारी करके कहा, ‘‘बिहार में देश में सबसे ज्यादा युवा हैं और यहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है। केंद्र और बिहार सरकार द्वारा छात्रों को ठगा जा रहा है। सरकारें उनके लिए नौकरियों का वादा करती रहती है लेकिन जब वे नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरते हैं तो नीतीश कुमार सरकार उन पर लाठियां बरसाती है।’’
गौर करने योग्य यह भी है कि बिहार में अपना जनाधार बनाने में जुटी आम आदमी पार्टी की ओर से भी इस बंद को समर्थन दिया गया है। आम आदमी पार्टी के बिहार प्रभारी व विधायक संजीव झा ने ट्विट करके युवाओं को अपना समर्थन दिया है।
छात्रों पर जुल्म नहीं सहेंगे
NDA सरकार का तुगलकी फरमान मंजूर नहीं
'आप' सबको लेकर चलती है साथबिहार बंद का समर्थन करें, 'आप' का हर कार्यकर्ता बिहार के युवाओं के साथ। pic.twitter.com/MdgAuFdzw5
— Sanjeev Jha (@Sanjeev_aap) January 27, 2022
रेलवे भर्ती नौकरियों के नतीजों में गड़बड़ी को लेकर छात्र संगठनों द्वारा आहूत बिहार बंद के दौरान प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सड़कों और राजमार्गों को जाम कर दिया है। छात्रों को विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगियों का भी समर्थन मिला है।
आइसा के महासचिव और विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के लिए रेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति उत्तरप्रदेश में चुनाव तक मामले को स्थगित करने की एक ‘‘साजिश’’ है। उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार का धोखा है। सौरभ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बेरोजगार युवकों को नौकरी नहीं देना चाहती।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की पूर्वाग्रह आधारित अथवा बदले की भावना से कार्य नहीं किए जाएंगे बल्कि पूरी पारदर्शिता एवं साक्ष्य के आधार पर ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तथा गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले तथा समूह को उग्र एवं हिंसात्मक स्वरूप देते हुए आंदोलन के लिए प्रेरित करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।