Home स्वास्थ्य Bihar News : बक्सर में युवाओं के कारण बुजुर्गों में बढ़ा टीकाकरण

Bihar News : बक्सर में युवाओं के कारण बुजुर्गों में बढ़ा टीकाकरण

कोविड वैक्सीन के साथ ही महिलाओं की अन्य सामान्य स्वास्थ्य दवाएं जैसे खून की कमी के लिए आयरन की गोली, कैल्शियम की कमी और अन्य स्वास्थ्य सलाह भी उपलब्ध कराई गईं, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं केन्द्र पर आने लगी। गर्भवती महिलाएं भी अब बेझिझक कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रही हैं।

बिहार के बक्सर जिले में युवाओं ने कोविड टीकाकरण में मिसाल कायम की है। दरअसल सबसे पहले बुजुर्गों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण के लिए प्रशासन को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, बहुत कोशिश के बाद भी साठ साल से अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण की गति संतोषजनक नहीं देखी गई। इसके बाद जब सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया तो युवाओं ने घर के बुजुर्गों की सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए कोविड टीकाकरण में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि बुजुर्गों के मन से भी टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां कम हो गई और बुजुर्गों के टीकाकरण में भी तेजी आ गई।

सरकार द्वारा 16 जनवरी से शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मे बिहार के कई जिलों में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहले चरण स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर के बाद साठ साल से अधिक आयुवर्ग के बुजुर्गों को कोविड का वैक्सीन देना शुरू किया गया। क्योंकि यह देश का पहला व्यस्क राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम है तो सीनियर सिटीजन को वैक्सीन बूथ तक लाना आसान नहीं था। बिहार के बक्सर के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया कि जनवरी से अप्रैल महीने तक टीकाकरण की गति औसत थी, इसके बाद जब सरकार ने एक मई से 18 साल से अधिक आयुवर्ग के लिए टीकाकरण शुरू किया तो युवाओं में वैक्सीन को लेकर गजब का उत्साह देखा गया, यह कहा जा सकता है कि युवाओं को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा। दरअसल जिले के युवाओं का एक बड़ा वर्ग घर के बुजुर्गों के प्रति फिक्रमंद दिखा, उन्हें महसूस हो गया था कि घर से बाहर रहने के कारण उनकी वजह से घर के बड़े बुजुर्ग संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए युवाओं ने कोविड टीका लेकर पहले खुद को सुरक्षित किया। इसके दो फायदे हुए, एक तो युवाओं को संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षा हासिल हुई दूसरा बुजुर्गों ने जब देखा कि जब घर के युवा वैक्सीन लगवाकर आ रहे हैं और उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है तो फिर हम ही क्यों पीछे रहे.. इस तरह जून महीने के बाद से साठ साल से अधिक आयुवर्ग में टीकाकरण की गति बढ़ने लगी। यदि अकेले बक्सर जिले की बात की जाएं तो यहां 12 लाख आबादी के 27 प्रतिशत हिस्से में टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें 18 साल से अधिक आयुवर्ग के 1,62,634 को पहली डोज, 45 साल से अधिक आयुवर्ग के 87,9140 और साठ साल से अधिक आयुवर्ग के 77429 लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है, हालांकि वैक्सीन उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है, जिसकी वजह से कई जिलों में टीकाकरण की गति पर असर पड़ा है।

बिहार में महिलाएं भी कोविड टीकाकरण में पीछे नहीं हैं। बक्सर के रघुनाथ पुरा गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विनोद कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय से ब्रह्मपुर प्रखंड को कुल 1690 कोविड-19 टीका उपलब्ध कराया गया था, जिसे सात जगहों पर एवं टीका एक्सप्रेस के माध्यम से शत प्रतिशत प्रयोग किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से आयोजित टीकाकरण अभियान में करीब 65 प्रतिशत महिलाओं ने कोविड-19 का टीका लगवा लिया है। दरअसल हर महीने की नौ तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगने वाले स्वास्थ्य शिविर का इसमें बड़ा योगदान रहा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राजकिशोर सिंह ने बताया कि सीमित संसाधनों के कारण यह सुविधा हम केवल पीएचसी और सीएचसी के टीकाकरण केन्द्र पर ही दे सकते हैं जहां अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी उपलब्ध होते हैं। महिलाओं को बूथ तक लाने में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी काफी सहयोग रहा।

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