पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन की हवा दिवाली के दौरान निकल रही है। सरकारकी कागजों और चुनावी मंचों से नीतीश कुमार सुशासन की बात करते नहीं अघाते। शराबबंदी के लाभ गिनाते। उसी सुशासन में जब हजारों लीटर शराब की बरामदगी हो और दर्जनों लोग जहरीली शराब पीकर मौत को गले लगा रहे हों, तो जाहिर है कोई भी यही कहेगा कि बिहार में शराबबंदी केवल सरकारी कागजों में है, वास्तविकता तो कुछ और ही है।
गोपालगंज में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस संबंध में गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार की ओर से कहा गया कि पिछले 24 घंटों से ज़िले में शराब के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है, 50 से ज़्यादा जगहों पर छापा मारा गया है जिसमें 19 लोगों को गिरफ़्तार किया गया और 270 लीटर देशी शराब बरामद हुआ तथा 6 वाहनों को जब़्त किया गया है। मामले की जांच में अगर किसी भी पुलिस की लापरवाही सामने आएगी तो हम उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे। अभी तक 3 लोग की गिरफ़्तारी हुई है और इसमें जितने लोग शामिल है उन्हें हम जल्द ही गिरफ़्तार कर लेंगे।
“जब गड़बड़ चीज पीजियेगा तो आप चले जाइयेगा”- नीतीश जी
शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है।
मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है। pic.twitter.com/56WTi9RCVR
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 5, 2021
ज़हरीली शराब पीने से हुई मौतों पर गोपालगंज के ज़िलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि कुल 11 लोगों की मौतें हुई हैं और मामले में कुल 3 लोग गिरफ़्तार हुए हैं। पूरे ज़िले के लगभग 50 जगहों पर छापा मारा गया है जिसमें हमें कई कामयाबी मिली है।
गोपालगंज के साथ ही बेतिया में भी इस प्रकार की घटना हुई। वहां के पुलिस अधीक्षक की ओर से भी कहा गया है कि 13 लोगों की मौत हुई है और अभी 9 लोगों का इलाज चल रहा है। नौतन के SHO और वहां के स्थानीय वफादार को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और कुछ लोग फरार है उनके विरुद्ध छापेमारी की जा रही है।