नई दिल्ली। महंगाई को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है। ट्विटर पर हैशटैग #SpeakUpAgainstPriceRise के माध्यम से तमाम कांग्रेस के बडे नेता और पदाधिकारी अपनी बातों को रख रहे हैं। काफी संख्या में लोगों ने इसे साझा भी किया और अपनी बातें भी रखीं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने ट्विट किया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम कम हैं, जब आप पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल भरते हो तो आपको पता चलता है कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम तेजी बढ़ते जा रहे हैं। ये पैसा सरकार चुने हुए 2-3 उद्योगपतियों को देती है।
अंधी महँगाई 3 कारणों से असहनीय है-
1. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के गिरते दाम।
2. केंद्र सरकार के द्वारा टैक्स के नाम पर डकैती।
3. इस डकैती से 2-3 उद्योगपतियों का मुनाफ़ा।
पूरा देश इसके ख़िलाफ़ एकजुट है- सरकार को सुनना ही होगा! #SpeakUpAgainstPriceRise pic.twitter.com/Avz6I1CwZi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 5, 2021
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी की अहंकारी सत्ता रोज दाम बढ़ाती है, देश को महंगाई की आग में झोंकते जाती है, जनता आँसू बहाती है और दिनों के झाँसों को कोसती जाती है। देश की जनता पर मोदी टैक्स का भार, कर रहा है महंगाई का प्रहार। आज हर देशवासी पूछ रहा है- मोदी टैक्स की अवैध वसूली कब बंद होगी सरकार?
कांग्रेस नेता और झारखंड के वित्त मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण पेट्रोल-डीजल-गैस के बढ़ रहे दाम ये दर्शा रहे हैं कि मोदी जी एक समय जो बात करते थे, आज उसका विपरीत हो रहा हैरू
वहीं,कांग्रेस की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि मोदी आये थे, महंगाई लाये थे। अब भी महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है, गरीब आदमी की आमदनी पर बोझ बन रही है। देश की जनता पूछ रही है- महंगाई पर लगाम कब लगेगी?
असल में, सोशल मीडिया पर जनता के जिस स्वर को आवाज दिया जा रहा है, उसे आम जनता का भी साथ मिल रहा है। हाल के दिनों में महंगाई की मार लोगों के रसोई तक पहुंच गई है। ठीक है कि कोरोना के कारण लोग बहुत अधिक मुखर नहीं हो रहे हैं, लेकिन जैसे ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई, उसके बाद लोगों ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करनी शुरू कर दी है। ऐसे मंे माना जा रहा हैं कि आने वाले दिनों में महंगाई इन चुनावी राज्यों में राजनीति को प्रभावित कर सकता है।