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मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस ने कसा तंज, कहा – कार्यकर्ता नहीं नौकरशाह पर है पीएम का भरोसा

जम्बो मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। ओबीसी, जनजाति और महिलाओं को विशेष तरजीह दी गई। अब कांग्रेस नौकरशाहों को लेकर केंद्र सरकार पर सियासी हमला कर रही है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार का चिर-प्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हो गया। बड़ा कुनबा बन चुका है। भाजपा जहां इसे बेहतर और संतुलित बता रही है, वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर तंज कसा है। कई बड़े चेहरों को सरकार से बाहर किए जाने पर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को लगता है कि जो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हैं वे सरकार नहीं चला सकते। सेवानिवृत बाबूशाही ही सरकार चला सकती है। कुछ भगोड़ों को शामिल किया गया है। एक चीज साफतौर पर झलकती है कि इस सरकार में प्रतिभाओं की कमी है।


कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे का कहना है कि ये सारी चीजें वे चुनाव ध्यान में रखकर कर रहे हैं। ये भी देखना है कि दलितों, शोषित वर्गों, अस्पृश्यों और दबे कुचले लोगों को वे कौन से अच्छे पोर्टफोलियो देने वाले हैं। कई बार लोगों को दिखाने के लिए वे ऐसी चीजें करते हैं। वो 2 साल पहले भी कर सकते थे।
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक इस मंत्रिमंडल विस्तार को बेहद साहसी कदम बता रहे हैं।  महिलाओं की जितनी बड़ी संख्या मोदी मंत्रिमंडल में है, उतनी बड़ी संख्या भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में भी नहीं थी। मंत्रियों में जितना प्रतिनिधित्व महिलाओं, पिछड़ों आदिवासियों, अनुसूचितों, उच्च शिक्षितों और युवा लोगों को मिल रहा है, उतना अभी तक किसी मंत्रिमंडल में नहीं मिला है। इसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए।

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