कोरोना ने बदला है रूप, घबराएं नहीं, सतर्क रहें: एम्स निदेशक

नई दिल्ली। जब से कोरोना का नाम दुनिया ने सुना है और इसकी मार को झेल रहा है, उसके बाद न जाने कितनी बार कोरोना वायरस ने अपना रूप बदला है। जानकारों का कहना है कि अब तक दो दर्जन से अधिक बार इस वायरस ने अपने गुण और स्वरूप में बदलाव किया है। यह वैज्ञानिकों और डाॅक्टर्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ताजा मामला इंग्लैण्ड का है। जहां, कोरोना वायरस संक्रमण में म्यूटेशन की सूचना ने सभी की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है।

इंग्लैण्ड की ओर से जैसे ही इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित दूसरे देशों को दी गई, हर देश ने अपने यहां जरूरी सावधानियां बरतनी शुरू कर दी। भारत सरकार ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। उसी बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देशवासियों से कहा है कि इसको लेकर घबराएं नहीं है। यह समय सतर्क रहने का है। डाॅ गुलेरिया का कहना है कि इंग्लैंड में कोरोना वायरस में म्यूटेशन के बाद जो नया वैरिएंट पाया गया, वह अभी देश में नहीं है, लेकिन वह देश में आ सकता है। इसलिए पहले की तुलना में अधिक सर्तक रहने और सख्ती से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना होगा। सतर्कता में लापरवाही से नए स्ट्रेन का संक्रमण यहां भी फैल सकता है।

आखिर इंग्लैंड में जो म्यूटेशन पाया गया है, उसका क्या असर होता है? इस पर एम्स के निदेशक का कहना है कि वायरस में इस तरह के म्यूटेशन होते रहते हैं। इस वायरस में पहले भी कई म्यूटेशन हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि महीने में एक या दो बार इस वायरस में हल्का म्यूटेशन जरूर होता है। इंग्लैंड के दक्षिणी हिस्से व लंदन में विशेषज्ञों ने यह पाया है कि जहां पर मामले बढ़ रहे हैं वहां पर नए वैरिएंट से संक्रमित मरीज पाए गए हैं। इस आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है कि म्यूटेशन के बाद वायरस अधिक संक्रामक हो गया है।