Home दुनिया COVID Crisis : पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए मचा है हाहाकार

COVID Crisis : पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए मचा है हाहाकार

कोरोना के दूसरे लहर में पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए लोग परेशान है। अस्पतालों की सुविधा तक उन्हें मयस्सर नहीं हो रही है। देश के बडे डाॅक्टर्स भी इस संकट को मान रहे हैं। सरकार अपने स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कह रही है।

FILE PHOTO: Patients suffering from the coronavirus disease (COVID-19) get treatment at the casualty ward in Lok Nayak Jai Prakash (LNJP) hospital, amidst the spread of the disease in New Delhi, India April 15, 2021. REUTERS/Danish Siddiqui/File Photo

नई दिल्ली। कोरोना (Covid19) का दूसरा लहर लोगों के लिए काल बनकर आया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को इस बार अस्तपाल में बेड, दवा और ऑक्सीजन (Oxygen) की सुविधा तक नहीं मिल रही है। परिजन अपने बीमार लोगों को लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं, फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है।

ये घटना किसी के भी मन को झकझोर देगी। प्रयागराज के डॉ जेके मिश्रा, उत्तर भारत के सबसे प्रख्यात चिकित्सक, इलाज के आभाव मे कोरोना से मर गए। डॉ मिश्रा के पढ़ाये और शागिर्द नामचीन डॉक्टर है। लेकिन उन्हे स्वरुपरानी मे मरने के लिए छोड़ दिया गया। पत्नी डॉ रमा जीवन के लिए संघर्ष कर रही है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी कहा है कि राजधानी में ऑक्सीजन की भारी कमी है और इसके कारण कोरोना मरीजों के इलाज में संकट बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में बड़े अस्पताल सफदरजंग ने अपने यहां ऑक्सीजन की कमी (Shortage of Oxygen) बताते हुए गैर-जरूरी ऑपरेशन टालने का अनुरोध किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (OM Birla)ने विधानसभाओं के अध्यक्षों, नेता प्रतिपक्षों और प्रतिनिधियों से कोविड (COVID19) स्थिति पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में कहा कि विधायिका को और अधिक तत्परता से कर्तव्य को निभाना है। कोरोना को रोकने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण में तेजी से देश के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं दबाव में हैं। अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की कमी की सूचना मिलती रहती है। आप अपने राज्य के जनप्रतिनिधियों से आग्रह करें कि प्रशासन और सरकार से लगातार संपर्क करके जनता की कठिनाइयों को दूर करें।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डाॅ बलराम भार्गव (Dr Balram Bhargav) कहते हैं कि इस वेव में ऑक्सीजन की ज़्यादा आवश्यकता पाई गई। लोगों में सांस की दिक्कत ज़्यादा पाई गई है। दोनों वेव में मृत्यु दर में कोई अंतर नहीं देखा गया है। दोनों ही वेव में 70 प्रतिशत लोग 40 की उम्र के थे। आरटी-पीसीआर टेस्ट गोल्ड स्टैंडर्ड है, हम दो या अधिक जीन नापते हैं जिससे टेस्ट में कुछ भी मिस न हो।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग के लिए सेना के अधिकारियों से मुलाकात की।

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