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Covid Update : लाॅन्ग कोविड को गंभीरता से लेना होगा

कुछ लोगों में कोविड के कई लक्षण जैसे अत्यधिक थकान का होना, सांस फूलना, नींद न आना, दस्त, डिप्रेशन आदि कई हफ्तों या महीनों तक रहते हैं, जिसे हम लॉन्ग कोविड कहते हैं। कई लोगों में यह लक्षण कोविड के लक्षण से भी अधिक गंभीर होते हैं।

नई दिल्ली। साल भर से विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। कोरोना महामारी के शुरूआती समय से ही हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का पूरा ध्यान बीमारी की रोकथाम और संक्रमण की वजह से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में लगा है। ज्यादातर शोध भी वायरस को जानने, बीमारी का इलाज ढूंढने और वैक्सीन विकसित करने के लिए ही हुई हैं। ऐसे में हम उन मरीजों को नजरअंदाज कर रहे हैं जिनमें बीमारी ठीक होने के बाद भी इसके लक्षण हफ्तों और महीनों तक रहते हैं।

कोविड का प्रभाव और प्रहार हर एक मरीज पर अलग होता है। कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें कोविड हुआ है क्योंकि उनमें कोई लक्षण नहीं होते। जबकि कुछ में संक्रमण के गंभीर लक्षण होते हैं परन्तु कुछ हफ्तों में मरीज पहले की तरह ठीक हो जाता है। तो कुछ लोगों में बीमारी ठीक होने के बाद भी लक्षण रह जाते हैं उसे डॉक्टर लॉन्ग कोविड कहते हैं।

अब आपके मन में सवाल होगा कि ये लॉन्ग कोविड (Long Covid) क्या होता है? कुछ लोगों में कोविड के कई लक्षण जैसे अत्यधिक थकान का होना, सांस फूलना, नींद न आना, दस्त, डिप्रेशन आदि कई हफ्तों या महीनों तक रहते हैं, जिसे हम लॉन्ग कोविड कहते हैं। कई लोगों में यह लक्षण कोविड के लक्षण से भी अधिक गंभीर होते हैं।

पोस्ट कोविड या लॉन्ग कोविड परेशानी को जानने के लिए एक शोध किया गया। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध में करीब चार हजार कोरोना पेशेंट्स ने भाग लिया। शोध के अनुसार करीब 13 प्रतिशत मरीजों में 28 दिन या चार हफ्तों तक कोरोना बीमारी के लक्षण रहते हैं, करीब पांच प्रतिशत में आठ हफ्ते और तीन प्रतिशत में 12 हफ्तों तक कोरोना संक्रमण के लक्षण रहे हैं।

नेहा जसवाल को कोरोना बीमारी हल्के बुखार, बदन दर्द, कमर दर्द के साथ शुरू हुई। कोविड पॉजिटिव आने पर उन्होंने खाने पाने में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ा दी, डॉक्टर के द्वारा दी गई सारी दवाईयां जैसे पैरासिटामोल, विटामिन सी, डी, बी-काम्पलेक्स, जिंक आदि के सप्लीमेंट भी लिए और पूरा आराम किया।

परंतु कोविड के दूसरे हफ्ते में उन्हें सिर में दर्द होने लगा। उनका 17 वें दिन किया गया कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद भी तबियत पहले से भी अधिक गंभीर होती जा रही थी। शरीर और सिर का दर्द बढ़ता ही गया। धीरे धीरे नेहा के हाथ-पैर भी कंपकपाने लगे थे। नेहा ने बहुत से डॉक्टरों की सलाह ली उन्होंने एहतियात के तौर पर एमआरआई कराने को कहा। एमआरआई ठीक आने पर सभी डॉक्टरों ने बोला कि उन्हें आराम करते रहना है। अच्छा खाना पीना है और जितना हो सके उतना व्यायाम करना है। नेहा को ठीक होने में 12 हफ्ते का समय लगा। अभी भी 1-2 प्रतिशत रेसिडयूल लक्षण हैं।

नेहा को लॉन्ग कोविड हुआ था। लॉन्ग कोविड (Long Covid) में मरीज संक्रामक नहीं होता परन्तु यह एक बड़ी ही गंभीर बीमारी की तरह आपको अपनी गिरफ्त में ले लेता है। अधिकतर मरीजों में क्रानिक फटिग सिंड्रोम होता है, जिसमें मरीज अत्यधिक थकान महसूस करता है और दिनचर्या के काम भी वह खुद नहीं कर पता है। कुछ मरीजों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण होते हैं, कुछ में मांसपेशियों में सूजन की शिकायत भी होती है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे मरीजों के लिए केवल अस्पताल में की गई देखभाल ही काफी नहीं होती, इन्हें लॉन्ग कोविड केयर की आवश्यकता होती है।

डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे लोग जिन्हें कोविड के दौरान निमोनिया हुआ हो, उन्हें लंग फाइब्रोसिस भी हो सकता है। कभी कभी इन मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी भी देनी पडती है। कुछ मरीजों में संक्रमण के दीर्घगामी प्रभाव भी देखे गए, जिन्हें पुनर्वास (रिहैब प्रोग्राम) की जरूरत पड़ती है।
फेफड़ो के बाद अगर यह बीमारी किसी शरीर के किसी एक अंग पर गहरा असर डालती है, तो वह है मस्तिष्क। दुनिया भर में कई कोरोना के मरीज ब्रेन फॉग के शिकार होते हैं। जिसमें वह कंफ्यूज्ड या लॉस्ट महसूस करते हैं। कुछ में कोरोना साइकायट्र्रिक लक्षण जैसे डिप्रेशन, एंजाइटी, नींद न आना भी होता है। छोटे स्तर पर गयी कुछ रिसर्च बताती हैं कि कोविड के बाद हुए मस्तिष्क से जुड़े लक्षण पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से जोड़े जा सकते हैं।

डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना में 14 दिन का क्वारंनटाइन कुछ लोगों के लिए मुश्किल होता है। यह भी पाया गया है कि कुछ दवाइयों के गलत इस्तेमाल से भी न्यूरोलॉजिकल लक्षण होते हैं।
लॉन्ग कोविड (Long Covid) के मरीजों को अगर ऐसे कुछ लक्षण महसूस या दिखाई देते हैं तो उन्हें विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही ब्रिदिंग एक्सरसाइज, फिजियोथेरेपी, काउंसलिंग, साइकोथेरेपी भी काफी जरूरी है। आहार विशेषज्ञो का कहना है कि हमारा खाना हमें बीमारी से लड़ने के लिए उर्जा देता है। प्रोटीन और विटामिन से भरपूर खाना क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिप्लेस एवं रिपेयर करने में सहायता करता है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं, जिनमें हीलिंग गुण हैं, जैसे यदि कोविड के मरीजों को मांसपेशियों में सूजन हो जाती है तो ऐसे में एक मुट्ठी खरबूजे, सुरजमुखी, कद्दू, तरबूज के बीज भून कर खाने से आराम मिलता है। ऐसे ही हल्का व्यायाम नसों में खून के प्रवाह को बनाए रखता है। कोविड से पूरी तरह ठीक होने के बाद भी डॉक्टर कुछ दिनों तक किसी भी प्रकार का तनावपूर्ण कार्य न करने की सलाह देते हैं।

कोविड वैक्सीन भी लॉन्ग कोविड (Long Covid) के मामलों में कमी लाने में सहायता करेगी। वैक्सीन से बीमारी की गंभीरता कम होगी, मरीज जल्दी ठीक होंगे और उन पर बीमारी का प्रभाव भी कम होगा।

तो अगर आप भी लॉन्ग कोविड (Long Covid) से रिकवर कर रहे हैं तो अपना ख्याल रखें, पौष्टिक आहार लें, खुश रहें, हल्का व्यायाम करें, अगर आप वैक्सीन लेने के लिए निर्धारित श्रेणी में आतें हैं तोह वैक्सीन जरूर लें, और खुद को थोड़ा समय अवश्य दें।

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