नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण दिल्ली सरकार ने शनिवार और रविवार को कर्फ्यू की घोषणा की है। शुक्रवार रात में 10 बजे से लेकर सोमवार की सुबह 5 बजे तक यह पाबंदी लागू रहेगी। ऐसे में यदि आपको घर से निकलना है, तो उसके वाजिब और जरूरी कारण होने चाहिए। साथ ही आपकी बात के समर्थन में जरूरी कागज भी पुलिस मांग सकती है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में जरूरी सेवा से जुड़े लोग जिनके पास कोई मान्य पहचान पत्र नहीं है उनके लिए ई-पास की सुविधा मिलेगी। वह दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर जाकर वीकेंड कर्फ्यू के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने के लिए यह वीकेंड कर्फ्यू लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को छूट दी गई है। उन्हें मान्य पहचान पत्र दिखाने के बाद ही आवाजाही करने दिया जाएगा। दिल्ली में ऐसे लोग जो जरूरी सेवाओं से जुड़े हैं, मगर उनके पास सरकार या किसी संस्था की ओर से कोई मान्य पहचान पत्र जारी नहीं हुआ है उन्हें ई-पास जारी होगा। इसमें उत्पादन ईकाई से जुड़े, परिवहन, भंडारण और जरूरी सेवा से जुड़ी दुकानों पर काम करने वाले लोग शामिल होंगे। ई-पास के लिए उन्हें जहां वह काम करते हैं उनका पंजीकरण लाइसेंस, जीएसटी नंबर वाला फर्म के लेटर हैड पर लिखकर आवेदन करना होगा, जिसके बाद वीकेंड कर्फ्यू में पास जारी किया जाएगा।
Steps taken to curb the spread of COVID
1. Weekend curfew
2. 100% govt. offices to work from home except for essential Departments
3. Private office to run with 50% capacity
4. Buses & Metros to run on 100% seating capacity to avoid the congestion, wearing mask is mandatory. pic.twitter.com/8aGDy0I10t
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) January 4, 2022
दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि जरूरी सेवा मतलब जरूरी सेवा यानि दिल्ली में घरों में काम करने वाले घरेलू सहायक (जैसे काम करने वाले चालक, माली या नौकर) भी वीकेंड कर्फ्यू के दौरान आवाजाही नहीं कर पाएंगे। जैन ने कहा कि दो दिन लोग अपना काम खुद कर सकते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए इतना करना पड़ेगा। इस दौरान रेस्तरां भी बंद रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि ई-कॉमर्स की होम डिलिवरी भी बंद रहेगी। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े सामान जैसे दवाई या खाने-पीने के सामान की डिलीवरी कर सकेंगे।
जरूरी सेवा से जुड़े लोग। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, जिला न्यायालयों के जज, अधिकारी व कर्मचारी। विभिन्न देशों के उच्चायुक्त और उनके अधिकारी। संवैधानिक पद पर बैठे लोग। सरकारी और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर, नर्स, पैथोलॉजी से जुड़े लोग। मेडिकल उपकरण आपूर्ति करने वाले लोग जैसे ऑक्सीजन, दवाई व अन्य। गर्भवती महिलाएं या अन्य बीमारी से जुड़े मरीज जिन्हें अस्पताल जाना हो।