नई दिल्ली। बीते दो साल से देश कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है। कई राज्यों में स्थिति अधिक भयावह है। कोरेना की तीसरी लहर में कुछ राज्य अधिक प्रभावित हैं, जहां रोजाना नए मामले हजारों में हैं। इन राज्यों में मध्य प्रदेश भी है। इस स्थिति से निबटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में स्वास्थ्य महकमा एवं प्रशासनिक अमला लगा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है। 150 करोड़ वैक्सीन डोज वो भी एक साल से कम समय में, ये आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है। दुनिया के अधिकतर देशों के लिए ये आश्चर्य से कम नहीं। भारत के लिए ये नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है।
Inaugurating the second campus of Chittaranjan National Cancer Institute in Kolkata. Watch. https://t.co/ZUbYYNuFZB
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2022
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 02 जनवरी को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों टीका लगना शुरू हो जायेगा। मध्यप्रदेश में 15 से 18 साल के बच्चों की आबादी लगभग 48 लाख है। मध्यप्रदेश सरकार ने एक दिन में लगभग 12 से 15 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाने का टारगेट बनाया है। 15 जनवरी तक फुल फस्ट डोज़ लगाने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। मध्यप्रदेश में बच्चों को टीका सिर्फ शासकीय स्कूलों में ही लगाया जायेगा।
हमारी वार्ड और ग्राम पंचायत स्तरीय समितियां ध्यान रखें कि सर्दी, खांसी, जुकाम या हल्के बुखार को गंभीरता से लें। इससे पीड़ित व्यक्ति का तुरंत आरटीपीसी सैंपल लिया जाए और जांच करें कि कहीं कोरोना तो नहीं है: मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj#MPFightsCorona pic.twitter.com/n93eC9mgp4
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 2, 2022
प्रधानमंत्री के कोविड-सुरक्षित भारत की मुहीम को गति देते हुए मध्यप्रदेश ने राज्य में “जनभागीदारी” के मॉडल को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया। देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद भी जिस तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य की जनता का टीकाकरण महाअभियान के तहत, टीकाकरण करवाया व अपने आप में सराहनीय है। नतीजन, मध्यप्रदेश में अब तक सवा 10 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। साथ ही 15 से 18 साल तक के 24 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण पहले ही सप्ताह में राज्य सरकार ने कर दिखाया है। यह मध्यप्रदेश की जनता के सहयोग के बिना असंभव था।
तीसरी लहर को गंभीरता से लेते हुए श्री चौहान ने ग्राम स्तरीय समितियों से निवेदन किया है कि ग्रामीणों के खासी-जुकाम और बुखार को गंभीरता से लें। कोई भी ऐसा मामला संज्ञान में आने पर तुरंत उनकी RT-PCR सैंपल जाँच करी जाए, और फिर रिपोर्ट के अनुसार इलाज़ की व्यवस्था प्रदान की जाये। “मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना” के अंतर्गत 1 जनवरी से 31 मार्च तक प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जायेगा जिसमें 31,000 बेड अभी उपलब्ध हैं और 204 ऑक्सीजन प्लांट मध्यप्रदेश में विकसित किये गए हैं। राज्य के जिलों में सिटी स्कैन की व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया गया है, साथ ही अतिरिक्त डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती भी सुनिश्चित की गई है।
जानें क्या है पंजीकरण की प्रक्रिया
15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए सबसे पहले “कोविन पोर्टल” पर जाकर बुक योर स्लॉट पर क्लिक करना है। फिर अपना मोबाइल नंबर देना होगा जिस पर एक OTP आयेगा। OTP देने पर नया पेज खुलेगा जिसमें बच्चे का नाम, जन्म का वर्ष, जेंडर, आईडी का प्रकार और उसका नंबर भरना होगा और अपना शेड्यूल बुक करना होगा। छात्र अपने छात्र पहचान पत्र का उपयोग करके भी पोर्टल पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। टीकाकरण स्थलों पर टीकाकरणकर्ता द्वारा भी पंजीकृत किया जा सकता है।