COVID19 Vaccination : यूं ही नहीं बना भारत नंबर 1

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 14,81,583 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 35,28,92,046 हुआ। 4 जुलाई, 2021 यानी रविवार तक 35 करोड़ लोगों को कोरेना का टीका लगवाना आसान नहीं है।

नई दिल्ली । भारत जैसे देश में, जहां एक राज्य की स्थिति दूसरे राज्य से बिलकुल अलग है। उन परिस्थितियों में दुनिया के सभी देशों से अधिक कोरेना टीकाकरण अभियान को ले जाने वाकई चट्टानों की छाती से दूध निकालने के समान है। 4 जुलाई, 2021 यानी रविवार तक 35 करोड़ लोगों को कोरेना का टीका लगवाना आसान नहीं है। इसके लिए लाखों लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
हाल के दिनों में कुछ लोगों की यह सोच हो गई है कि जो बाहर का है, वह अच्छा है। इसलिए वैसे लोग हर बात में भारत की तुलना अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों से करते हैं। कोरोना टीकाकरण अभियान में जब भारत की संख्या इन विकसित देशों से आगे निकल गई है, तब ऐसे पश्चिमी देशों के चारण लोग आंकड़ों को प्रतिशत में दर्शाने लगते हैं। यहीं टीकाकरण के आँकड़े अगर आबादी प्रतिशत की कवरेज के आधार पर देंखेंगे तो भारत इन चारों देशों में सबसे पीछे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका की आबादी 32.8 करोड़ है, ब्रिटेन की आबादी 6.9 करोड़ है. जबकि भारत भारत की आबादी 132 करोड़ के करीब है।
ब्रिटेन में टीकाकरण की शुरुआत सबसे पहले 8 दिसंबर 2020 को हुई। उसके बाद अमेरिका में टीकाकरण 14 दिसंबर, 2020 से शुरू किया गया है। जर्मनी और फ़्रांस में टीकाकरण की शुरुआत एक साथ 27 दिसंबर, 2020 को हुई। भारत में टीकाकरण सबसे देरी से 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ है। उसके बाद भी यदि आज की तारीख में भारत सबसे अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगा चुका है, तो यह हर देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
ऐसा नहीं है कि भारत ने अचानक यह उपलब्धि जुलाई में हासिल की है। कुछ लोग देश के अच्छे कार्यों को जानते हुए भी इग्नोर कर जाते हैं। बता दें कि 10 मई, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ़ से हो रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा गया था कि 17 करोड़ वैक्सीन भारत नें 114 दिन में लगाई और अमेरिका को लगाने में 115 और चीन को 119 दिन लगे थे। गौर करने योग्य तथ्य यह है कि अमेरिका ने 7 अप्रैल को ही 17 करोड़ वैक्सीन डोज़ का इस्तेमाल किया है. यानी स्वास्थ्य मंत्रालय का अमेरिका के 115 दिन का किया गया दावा बिलकुल सही है। ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी के साथ तुलना करना समीचीन नहीं है, क्योंकि इनकी आबादी भारत के हिसाब से बेहद कम है।

याद कीजिए, जब कोरोना महामारी ने दस्त्क दी। बीते साल प्रधानमंत्री की ओर से पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की गई। देश के पास न तो उचित संख्या में मास्क था, न ही सेनिटाइजर, न थर्मामीटर, न ऑक्सीमीटर। कारण, हमें इसकी जरूरत ही नहीं पड़़ी। जैसे ही देश को इसकी जरूरत पड़ी, सभी साथ आएं। जो जहां था, वहीं से अपना कर्तव्य समझा और काम में जुट गया। आज शायद ही देश का कोई गांव, प्रखंड और जिला हो, जहां ये चीजें नहीं उपलब्ध हो।
जब 16 जनवरी, 2021 को कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूआत करते हुए उन्हें रार्ष्ट्कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां उद्धृत की थीं, जो वह इस मुहिम में भी भारत को विश्वविजयी बनाने का आह्वान ही था। आज देश के लोग गौरवान्वित हो रहे हैं कि कोविड वैक्सीन लगवाने में भारत दुनिया का नंबर एक देश हो गया।

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