नई दिल्ली। दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रर्दषन किया। इस प्रदर्शन का कारण है नीट पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी। इस प्रदर्शन में पुलिस भी शामिल हो गई। दोंनो पक्षों की झड़प भी हुई। दोनों पक्षों का दावा है कि इसमें उनके कई लोग भी घायल हुए हैं। एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल में पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की तस्वीरें पोस्ट कीं। हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप से इनकार किया।
इस बाबत पुलिस बताती है कि डॉक्टरों ने छह से आठ घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ रोड को जाम किया। उनसे कई बार वहां से हटने का अनुरोध किया गया, लेकिन वो नहीं मानें। पुलिस लाठी चार्ज और अभद्र भाषा के प्रयोग से मुकरती है। वे स्वीकारती है कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
डॉक्टरों की सुनें
डॉक्टरों का दावा है कि जब उन्होंने सफदरजंग अस्पताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के आधिकारिक आवास तक मार्च निकालने का प्रयास किया तो पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। फोर्डा की ओर से जारी बयान के अनुसार, मेडिकल पेशे के लोगों के इतिहास में यह काला दिन है। उसमें आरोप लगाया गया है, ‘रेजिडेंट डॉक्टर, तथा-कथित कोरोना योद्धा, नीट पीजी काउंसलिंग 2021 की प्रक्रिया तेज करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बुरी तरह पीटा गया, और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। आज से सभी मेडिकल सुविधाएं पूरी तरह बंद रहेंगी।’