Home पॉलिटिक्स बंगाल चुनाव में दीदी का बङा वार,पसत हुई मोदी सरकार—–

बंगाल चुनाव में दीदी का बङा वार,पसत हुई मोदी सरकार—–

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के रुझानों ने कुल मिलाकर राज्य की सियासी तस्वीर साफ कर दी है। बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनती दिख रही है। अगर बंगाल के रुझान फाइनल

पश्चिम बंगाल में हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती  खतम होने को है। इस विधानसभा चुनाव में बंगाल की सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल सीट नंदीग्राम को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जहां पहले यह कहा गया था कि ममता बनर्जी ने यहां शुभेंदु अधिकारी को 1200 मतों से हरा दिया है तो वहीं अब बीजेपी ने दावा किया है कि यहां शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को हराया है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी हार स्वीकार भी कर ली है। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले बड़ी बढ़त हासिल कर ली है और ममता बनर्जी की पार्टी का सत्ता में लौटना तय हो गया है। कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव आयोग की ओर से जश्न पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जगह-जगह टीएमसी के कार्यकर्ता सड़कों पर नाचते-गाते दिख रहे हैं। कोलकाता में कुछ कार्यकर्ता हुड़दंग पर उतर आए और उन्होंने बीजेपी दफ्तर में भी घुसने की कोशिश की। 
दोपहर में जैसे ही टीएमसी की बढ़त 200 सीटों के पार हुई, कोलकाता में टीएमसी कार्यकर्ता जश्न मनाने निकल पड़े। हाथों में पार्टी का झंडा लिए दर्जनों कार्यकर्ता बीजेपी दफ्तर पर पहुंच गए। कई कार्यकर्ताओं ने बीजेपी दफ्तर में घुसने की कोशिश की। हालांकि, पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग के सहारे उन्हें रोका।राज्य के कई हिस्सों से जश्न की तस्वीरें सामने आ रही हैं। कार्यकर्ता एक दूसरे का मुंह मीठा करा रहे हैं तो नाच-गाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं। अधिकतर कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मास्क नहीं थे तो सोशल डिस्टेंशिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। हालांकि, राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। राज्य सरकार की ओर से भी मिनी लॉकडाउन का ऐलान किया गया है।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के रुझानों ने कुल मिलाकर राज्य की सियासी तस्वीर साफ कर दी है। बंगाल में एक बार फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनती दिख रही है। अगर बंगाल के रुझान फाइनल नतीजों में तब्दील होते हैं तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी की हैट्रिक जीत होगी और जीत का सपना संजोए भाजपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। अबतक के जो रुझान हैं, उससे साफ दिख रहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी तीन डिजिट यानी 100 के पार नहीं पहुंच पाई है। 

चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अबतक जो रुझान हैं उसमें तृणमूल कांग्रेस 201 सीटों पर लीड कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी 78 सीटों पर है। कांग्रेस एक सीट पर तो अन्य तीन सीटों पर आगे है। हालांकि, अभी तक 292 में से 284 सीटों का ही रुझान आया है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि नतीजों में बहुत ज्यादा कुछ बदलाव नहीं होगा। अगर ऐसा ही ट्रेंड रहा तो फिर पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा की सीटें तो बढ़ेंगी, मगर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी भी सच साबित हो जाएगी। 

दरअसल, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि अगर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सीटें 100 के पार हुईं तो वह अपना काम छोड़ देंगे। पहली बार जब उन्होंने ट्विटर पर यह ऐलान किया तो आईपैक के उनके कुछ सहयोगियों ने दावा किया कि पीके ट्विटर छोड़ने की बात कर रहे हैं। मगर हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार बने प्रशांत किशोर ने न्यूज चैनल आजतक से इंटरव्यू में साफ किया था कि वह चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि यदि बीजेपी की 100 से सीटें आती हैं तो उनके काम का कोई मतलब नहीं रह जाता है।गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं, मगर दो कैंडिडेट के निधन की वजह से मतदान 292 सीटों पर हुआ है। जो पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 147 सीटें को पार कर जाएगी, वही सरकार बनाने की दावेदारी पेश करेगी। अभी तक टीएमसी दो सौ सीटों से आगे चल रही है। इसका मतलब है कि अगर नतीजों में बहुत कुछ बदलाव नहीं हुआ तो एक बार फिर से बंगाल में टीएमसी की सरकार बनेगी। पिछली बार यानी साल 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को 211 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 44, माकपा को 26 और भाजपा को महज 3 सीटें मिली थीं।

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