
वाशिंगटन। चुनाव परिणाम आने के बाद भी जिस प्रकार से डोनाल्ड ट्रंप ने कुर्सी को लेकर अपनी जिद दिखाई और उनके समर्थकों ने हंगामा किया। गोली चली। लोग मरे। उसको लेकर कोई भी सांसद उनके समर्थन में खुलेतौर पर नहीं आ रहा है। अब चर्चा जोरों पर है कि कहीं कुर्सी से हटने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को जेल भेजने के लिए संसद में महाभियोग का प्रस्ताव तो नहीं लाया जाएगा।
असल में, प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेट सदस्यों ने निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में उन पर महाभियोग चलाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके पीछे दलील दी गई है कि राष्ट्रपति को कैपिटल में उनके हजारों समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इससे पहले प्रतिनधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने डेमोक्रेट सदस्यों को पत्र लिखकर उप राष्ट्रपति माइक पेंस को ट्रंप को पद से हटाने के लिए 25वें संशोधन के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करने के लिए कहने के नियमों को रेखांकित किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग की कार्यवाही ने रविवार को उस समय जोर पकड़ा, जब सदन के डेमोक्रेट सदस्यों ने सोमवार को निवर्तमान रिपब्लिकन राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। कांग्रेस सदस्य ब्रेड श्नीडर ने रविवार को कहा, ‘‘सोमवार को मैं राष्ट्रपति ट्रंप पर उनके अपराधों के लिए महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश करने में मदद करना चाहूंगा।’’ पेलोसी ने कहा, ‘‘हमारे संविधान और हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें तुरंत कदम उठाना होगा क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के पद पर बने रहने से लोकतंत्र और संविधान को खतरा है।’’
बता दें कि सोमवार को पेलोसी के नेतृत्व वाली टीम 25वां संशोधन लागू करने के लिए पेंस और कैबिनेट के मंत्रियों से एक प्रस्ताव पर वोट करने को कहेंगी। चूंकि संसद का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए इसके विचार पर आपत्ति आ सकती है। इसके बाद पेलोसी मंगलवार को पूर्ण सदन के सामने प्रस्ताव रखेंगी। अगर इसे पारित करना है तो पेंस और कैबिनेट के पास सदन में महाभियोग की कार्यवाही से पहले 24 घंटे का समय होगा। महाभियोग की प्रक्रिया तेज होने के साथ ट्रंप पर अपने कार्यकाल के पहले ही पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।