Home स्वास्थ्य ‘Disease X’ की ‘आहट’ से दुनिया में घबराहट

‘Disease X’ की ‘आहट’ से दुनिया में घबराहट

‘Disease X’ संभवतः आपने यह नाम अभी तक नहीं सुना होगा। लेकिन अब आपको इस नाम को जानकर भयभीत भी होना चाहिए। संभव है कि आनेवाले समय में आपको इसका सामना भी करना पड़े। परंतु इसके बारे में जानकर आपके माथे पर पसीना आ जाएगा। ‘Disease X’ वो वायरस है जो अब दुनिया में तबाही मचाने के लिए आतुर है। कांगो में एक महिला मरीज में इस वायरस के लक्षण देखे गए हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस से ग्रसित कई और मरीज दुनिया के अन्य भागों में भी हो सकते हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह वायरस कोरोना की तरह तेजी से फैल सकता है लेकिन इससे मरने वालों की संख्या ‘इबोला’ वायरस से भी 50 से 90 प्रतिशत अधिक है। वैज्ञानिकों की चेतावनी के बाद लोग डर के साये में आ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने फिलहाल ‘Disease X’ को परिकल्पना बताया है।

‘कोविड-19 से भी अधिक खतरनाक

कोरोना वायरस का डर अभी तक लोगों की दिमाग से उतरा भी नहीं है कि इससे भी खतरनाक वायरस लोगों की जिंदगी को तबाह करने को आतुर है। 1976 में इबोला वायरस की खोज में मदद करनेवाले प्रोफेसर. डॉ जीन-जैक्स मुएम्बे ताम्फुम, द्वारा वायरस को लेकर दी गई चेतावनी और अधिक डरानेवाली है। प्रोफेसर ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं, जहां नए रोगजनक सामने आएंगे। अफ्रीका के वर्षावनों से मानवता के लिए बेहद खतरनाक वायरस अज्ञात संख्या में विकसित हो रहे हैं। ये वायरस ‘कोविड-19 से भी अधिक खतरनाक हो सकते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा ‘Disease X’ वायरस के प्रति आगाह किए जाने के बाद लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ना लाजमी है। यह महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक होगी और ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी।

नए वायरस के आहट से दुनिया में बैचेनी बढ़ गई है। बेचैन होना भी लाजमी है। दुनिया लगातार किसी ना किसी वायरस का शिकार हो रही है। बीते वर्षों में यलो फीवर, रेबीज, स्वाइन फ्लू, इबोला और वर्तमान में कोरोना को कौन भूल सकता है, जिसने दुनिया में करोड़ों लोगों की जिंदगी को अपने आगोश में ले लिया है। वायरस के आक्रमणों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर दुनिया पर इतने वायरसों का आक्रमण क्यों हो रहा है! कहीं इन वायरस के आक्रमणों का कारण स्वयं मानवजाति तो नहीं है।

वायरसों का कारण जानवर

वैज्ञानिकों ने अपने शोध से इन वायरसों का कारण जानवरों को बताया है। जानवरों के कारण इंसानों में वायरस फैल रहा है। कारण भी साफ है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पशुओं के प्राकृतिक आवास खत्म हो रहे हैं और मनुष्य उन स्थानों पर अपना आधिपत्य जमाने लगा है। इतना ही नहीं वन में रहनेवाले जीवों का व्यापार भी बढ़ रहा है। मनुष्य इन जीवों के व्यापार के साथ-साथ इनको अपने आहार में भी शामिल करने लगा है। यही कारण है कि वायरस फैलने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। अगर विज्ञान की भाषा में कहे तो पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में परिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। अगर किसी कारण वश इस तंत्र में कोई बदलाव होता है या बलपूर्वक बदलाव किया जाता है, उस स्थिति में पर्यावरण पर इसका नाकारात्मक प्रभाव पड़ना अवश्यभांवी है। आज मानवजाति इसी चक्र से छेड़छाड़ कर रहा है। जिसका परिणाम इन खतरनाक वायरसों के रूप में हमारे सामने है।

जंगली जानवरों का स्थान जंगल में होता है। वे जंगल में अपनेआप को अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। किसी के लिए खतरनाक साबित नहीं होते। लेकिन हम अपने स्वार्थ के लिए इन जानवरों के आवास पर आक्रमण करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। लोग इन जानवरों को अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए काल का ग्रास बना देते हैं। कभी-कभी परिणाम यह होता है कि मानवजाति का यह दांव उनपर ही भारी पड़ जाता है। इसका सबसे सशक्त उदाहरण चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस है। माना जाता है कि यह चमगादड़ से आया है। वुहान से निकला कोरोना वायरस आज लाखों लोगों की जान ले चुका है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह इसी प्रकार चलता रहा तो इबोला और कोरोना वायरस जैसी महामारी को बढ़त मिलेगी। इतना हीं नहीं यह भी हो सकता है कि इससे भी खतरनाक वायरस लोगों को परेशान करने के लिए बेताब हों। बता दें कि बीते सालों में लगातार यलो फीवर, कई तरह के इंफ्लुएंजा, रेबीज और अन्य बीमारियां पशुओं से इंसानों में आ चुकी हैं इनमें से ज्यादातर चूहे या कीड़ों की वजह से आई हैं। इनसे प्लेग जैसी महामारी दुनिया में आ चुकी है।

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