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चौंकिए नहीं पूरी सच है कहानी, आयकर सर्वे में मिला 1400 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय

जयपुर। सरकार की ओर से कितनी भी पारदर्शिता और कानून पालन की बात की जाए, लेकिन कुछ लोग इसका पालन नहीं करते हैं। एक बार नहीं, बार-बार यह साबित हुआ है कि रसूखदार लोग ही कानून की धज्जियां उडाने में सबसे आगे होते हैं। राजस्थान में ऐसे ही तीन बड़े व्यावसायिक समूहों को लेकर आयकर सर्वे में खुलासा हुआ। यह खुलासा चौंकाता है। लेकिन पूरी तरह सच है।

घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर की है। बता दें कि राजस्थान के तीन बड़े व्यावसायिक समूहों ने आयकर विभाग से छिपाकर अपना पैसा रखा हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीन बड़े व्यावसायिक समूहों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने तीन दिन तक छापेमारी की। उसके बाद आयकर विभाग ने जो आंकडा दिया, उससे लोगों का चैंकना स्वाभाविक है।

आयकर विभाग की गई छापों की कार्रवाई में 1400 करोड़ से अघोषित आय का खुलासा हुआ है। हैरत में पड गए न। इतना ही नहीं, आयकर विभाग की कार्रवाई में कई ऐसे तथ्य सामने आए, जिनके आधार पर देश के अन्य शहरों में कुछ और व्यापारिक समूहों के ठिकानों पर अघोषित आय उजागर हो सकती है।

कहा जा रहा है कि जयपुर में जिन बड़े व्यापारियों पर छापों की कार्रवाई हुई उनमें सिल्वर आर्ट ग्रुप,चैरडिया ग्रुप और गोकुल समूह शामिल है। इस कार्रवाई के दौरान सिल्वर आर्ट ग्रुप के एक ठिकाने पर एक गुप्त सुरंग अधिकारियों को मिली, जिसमें सोने और चांदी के जेवरात सहित महंगे रत्न व एंटीक सामान रखे हुए थे। इस गुप्त सुरंग में जेवरात से भरी कुल एक दर्जन बोरियां मिलने की जानकारी सामने आई है। इस समूह के यहां दस्तावेजों में ब्याज का कारोबार करने की बात भी सामने आई है।

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि ज्वैलर सिल्वर आर्ट ग्रुप के यहां 525 करोड़ के अघोषित लेनदेन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जौहरी और उसके स्टाफ ने पहले तो आयकर अधिकारियों को स्टॉक रजिस्टर रखे जाने से इंकार किया, लेकिन बाद में एक सिक्रेट लॉक से सुरंग खोली गई। आयकर विभाग का कहना है कि सुरंग में एक पेन ड्राइव और कुछ पुराने जमाने के बही-खाते मिले हैं, जिनमें बहुत छोटे अक्षरों में रकम के लेनदेन का हिसाब लिखा हुआ है। कुछ कर्मचारियों के नाम से भी रकम बैंकों में जमा कराने और ब्याज पर लेनदेन करने की बात जांच में सामने आई है। वहीं चैरड़िया ग्रुप के यहां करीब 650 करोड़ के लेनदेन का हिसाब मिला है। यह ग्रुप कॉलोनी विकसित करने के साथ ही फ्लैट बनाकर बेचने और ब्याज पर रकम उधार देने का काम करता है।

वहीं, तीसरा गोकुल समूह भी जयपुर के अलावा प्रदेश के कई शहरों में टाउनशिप और आवासीय समूह विकसित करने का काम करता है। बड़े पैमाने पर जमीनों के खरीद-बेचान का काम भी इस समूह का है। इस समूह के खातों में भी गड़बड़ी का पता चला है। तीनों समूहों के यहां 1400 करोड़ से अधिक की अघोषित आय उजागर हुई है। सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग कुछ और जगहों पर ऐसी ही कार्रवाई कर सकती है।

 

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