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आरईकॉनइंडिया 2023 में बंजर भूमि पर सौर परियोजनाओं के लिए मजबूत ढांचे की मांग की

आरईकॉनइंडिया 2023 में 250 से अधिक विषय विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, नवोन्मेषकों, निवेशकों और स्टार्टअप संस्थापकों ने हिस्सा लिया, जोकि भारत में अक्षय ऊर्जा की प्रगति को गति देने के बारे में अलग-अलग दृष्टिकोण रखते हैं।

नई दिल्ली। एक क्लीनटेक-केंद्रित पेशेवर नेटवर्क और भारत के प्रमुख ईवी सम्मेलन ईवीकॉनइंडिया के प्रणेता ब्लू सर्किल ने हीरो फ्यूचर एनर्जीज के सहयोग से अपने प्रमुख अक्षय ऊर्जा सम्मेलन ‘आरईकॉनइंडिया 2023 (REConIndia 2023) – पॉवरिंग इंडियाज ग्रीन एनर्जी विजन 2030’ की सफलतापूर्वक मेजबानी की।
इस अवसर पर बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ अलेक्जेंडर होगेवेन रटर ने कहा, “एक स्वच्छ, हरित भारत के लिए पीएम मोदी का विज़न प्रेरणादायक है और इसने देश को अक्षय ऊर्जा की दिशा में एक महत्वाकांक्षी पथ पर स्थापित किया है। बंजर भूमि का उपयोग भारत में सौर परियोजनाओं की स्थापना के भारी अवसरों को अनलॉक कर सकता है। फ्लोटिंग सोलर क्षेत्र का विकास में अपार संभावनाओं के साथ फायदे का सौदा होगा, क्योंकि पैनल के तले खेती से उस किसान को फायदा होगा जो प्रोजेक्ट के जमीन देगा। इससे न केवल देश के अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह आसान करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने और आर्थिक विकास को गति देने में भी मदद करेगा। इसलिए, बंजर भूमि पर सौर परियोजनाओं के विकास के लिए एक मजबूत ढांचा एक स्थायी और आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद कर सकता है।”
कॉन्फरन्स में हुए विचार-विमर्श के आधार पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा, जिसे नीति-निर्धारकों सहित सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा।
ब्लू सर्कल के संस्थापक और सीईओ सिद्धार्थ आनंद ने कहा, “आरईकॉनइंडिया 2023 प्रमुख निर्णय निर्माताओं, विचारकों और उद्योग के विशेषज्ञों को एक साथ लाया है, जो सहयोगी सोच और समस्या-समाधान के लिए एक मंच तैयार करता है। हमें एक स्वच्छ, हरित और अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की दिशा में भारत के परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक संवाद को सक्षम करने की खुशी है। ब्लू सर्कल भारत में अक्षय ऊर्जा के विकास को सक्षम करने और सभी के लिए अधिक लचीला और टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए अक्षय ऊर्जा और क्लीनटेक एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ब्लू सर्कल और एमटीएआई के चेयरमैन पवन चौधरी ने कहा, “संधारणीयता (सस्टेनेबिलिटी) के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ रही है। कई क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव शुरू हो गए हैं। उदाहरण के लिए, चिकित्सा उपकरण क्षेत्र लंबे कामकाजी जीवन की योजना बनाकर आगे बढ़ रहा है। उनके उत्पादों के चेसिस और चिकित्सा डिस्पोजेबल निर्माता अपने उत्पादों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए जैव-निम्नीकरणीय सामग्रियों के उपयोग की खोज कर रहे हैं। आशा है कि आरईकॉनइंडिया 2023 इस तथ्य को रेखांकित करेगी कि स्थिरता केवल अक्षय ऊर्जा उत्पादन, खपत और संचरण (स्टोरेज) में शामिल क्षेत्रों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक साझा जिम्मेदारी है, जिसके लिए विभिन्न क्षेत्रों और विषयों में कार्रवाई और सहयोग की आवश्यकता होती है।”
सम्मेलन को उद्योग जगत के प्रतिष्ठित मुखियाओं और विशेषज्ञों ने संबोधित किया। कुछ प्रतिष्ठित वक्ताओं में कपिल माहेश्वरी, लीडर – रिन्यूएबल एनर्जी एंड ग्रीन हाइड्रोजन, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड; रमन चड्ढा, सीईओ, गेल गैस; मोहित भार्गव, सीईओ, एनटीपीसी रिन्यूएबल्स; पंकज सिंधवानी, चीफ बिज़नेस अफसर, टाटा क्लीनटेक कैपिटल; बलराम मेहता, ग्रुप प्रेसिडेंट – रिन्यू सर्विसेज, बिजनेस और रिन्यू पावर के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य; राजेश चेरायिल, चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर, पीटीसी इंडिया; नरेंद्र कुमार वर्मा, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, क्लीनमैक्स; धनपाल झावेरी, वाइस चेयरमैन, एवरस्टोन ग्रुप; टोबियास विंटर, डायरेक्टर, इंडो-जर्मन एनर्जी फोरम सपोर्ट ऑफिस (IGEF-SO); जामी हुसैन, वाईस-प्रेजिडेंट एंड टेक्निकल चेयर, वर्ल्ड विंड एनर्जी एसोसिएशन (WWEA); अलेक्जेंडर होगेवेन रटर, निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन; जितेंद्र कुमार, हेड – प्रोजेक्ट फाइनेंस, हीरो फ्यूचर एनर्जी; गगन सिद्धू, डायरेक्टर, सीईईवी; और बिमल जिंदल, हेड – ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट, लार्सन एंड टुब्रो शामिल थे।
एनटीपीसी रिन्यूएबल्स के सीईओ मोहित भार्गव ने “सौर चुनौतियों को संबोधित करते हुए” सत्र के दौरान बोलते हुए कहा, “भारत 2030 तक 280 गीगा वाट सोलर ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसके लिए सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना अनिवार्य है। सोलर मॉड्यूल के लिए चीन पर महत्वपूर्ण निर्भरता को देखते हुए, भारत को एक मजबूत घरेलू सोलर मॉड्यूल निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। जबकि सरकार की पीएलआई योजना प्रभावी है, लेकिन इसके परिणाम आने में समय लग सकता है। इसलिए, भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाने और घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।”
पंकज सिंधवानी, चीफ बिजनेस ऑफिसर, टाटा क्लीनटेक कैपिटल ने कहा, “स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में परियोजना वित्तपोषण (प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग) की हमारी यात्रा पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार और वित्तीय रूप से लाभकारी दोनों साबित हुई है। इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि हम वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं और अधिक आक्रामक तरीके से प्रतिस्पर्धा करें। भविष्य मेंस्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और समृद्धि के बारे में आशान्वित हूं।”
आर.पी.वी. प्रसाद, सीईओ-इंडिया, एनविजन एनर्जी ने कहा, “आने वाले वर्षों में भारत के अक्षय ऊर्जा मिश्रण में पवन ऊर्जा के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में कुल अक्षय ऊर्जा उत्पादन में पवन ऊर्जा का योगदान लगभग 25% होगा, और यह देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों का एक अभिन्न अंग बनी रहेगा। स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग का विस्तार करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने पर सरकार के ध्यान के साथ पवन ऊर्जा सतत विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।”

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