खालिस्तान और कनाडा के मसले पर ये कहा विदेश मंत्री जयशंकर ने

हमें ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों को और मज़बूत करना जारी रखना होगा। हम अगले साल बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के महावाणिज्य दूतावास खोलने की उम्मीद कर रहे हैं।

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अभी कैनबरा में हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कई समसामयिक मुद्दों पर पूरी दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखा। खालिस्तानी मुद्दे पर एस जयशंकर ने कहा कि हमने समय-समय पर यह मामला कनाडा की सरकार के सामने रखा है। हमने यह बात रखी है कि लोकतांत्रिक देशों में जो आज़ादी मिली है उसका दुरुपयोग उन ताकतों द्वारा नहीं होना चाहिए जो हिंसा और कट्टरता का साथ देते हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं और इस संबंध दोनों देशों के बीच अच्छे रहे हैं। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त मात्रा है। यह सूची विभिन्न कारणों से बढ़ी है। पश्चिम दशकों से भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं कर रहा था और हमारे बगल में सैन्य तानाशाही को पसंदीदा भागीदार के रूप में देख रहा था। आंतरिक राजनीति में ऐसे निर्णय लेते हैं जो हमारे भविष्य और वर्तमान स्थिति को प्रतिबिंबित करते हैं।

संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत के विदेश मंत्री कहना है कि आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता जो इस साल दोनों देशों के बीच हुआ था वह बहाली की तरफ है और उसको लेकर हम उत्साहित हैं। हमें दोहरी कर – प्रणाली में भी संशोधन करना है क्योंकि उससे हमारे व्यापार बढ़ोतरी में खलल पड़ता है। हमने कई क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण खनिज, साइबर, नई और नवीकरणीय ऊर्जा आदि में काम किया और हमारे साथियों ने जो काम किया उसको एकीकृत किया है। इस साल के जून से अब तक मेरे 6 साथियों (केंद्रीय मंत्रियों) ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है।