केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में उठाया फ्रीबीज का मुद्दा कहा सब्सिडी और मुफ्त उपहारों पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं,लेकिन नियमों में पारदर्शिता जरूरी है। राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री ने बगैर नाम लिए केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा की यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि जब आप अपने तरीकों में पारदर्शी होते हैं, तो इस (मुफ्त उपहारों) पर कोई बहस नहीं होती।
Subsidies/freebies are to be contextualised. If you're able to put it in your budget & make a provision for it, when your revenues come&you give the money, why would anyone have an objection? Education,health, many subsidies given to farmers,are fully justified: Union Finance Min pic.twitter.com/DahTD6UK95
— ANI (@ANI) December 21, 2022
हम केवल पारदर्शिता और वैधानिक राजकोषीय नियमों का अनुपालन चाहते हैं। ऐसी मीडिया रिपोर्टें हैं कि एक राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन का समय पर भुगतान करने में असमर्थ है और कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। यह शायद इसलिए है क्योंकि पूरे देश में कई अलग-अलग विज्ञापन देने के लिए धन का उपयोग किया जा रहा है। सब्सिडी/मुफ्त उपहारों को प्रासंगिक बनाया जाना है। यदि आप इसे अपने बजट में डाल सकते हैं और इसके लिए प्रावधान कर सकते हैं, जब आपका राजस्व आएगा और आप पैसा देंगे, तो किसी को आपत्ति क्यों होगी? शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों को दी जाने वाली तमाम सब्सिडी पूरी तरह जायज है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा की कई बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाएं मंदी का सामना कर रही हैं क्योंकि मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने कोविड को संभाला, वह उस तरीके से अलग है जिस तरह से हमने इसे भारत में संभाला था… लक्षित दृष्टिकोण ने हमें पुनरुद्धार में मदद करने के सुरक्षित रास्ते पर रखा है लेकिन मंदी में नहीं।