सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था हुआ रवाना , श्रद्धालुओं में भारी उत्साह

2 साल बाद फिर अमरनाथ धाम की शुरुआत हो गई है जिससे श्रद्धालुओं में काफ़ी उत्साह है। 11 अप्रैल से ही यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आरम्भ था और लगभग 3 लाख तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।

जम्मू कश्मीर: अमरनाथ यात्रा बाबा बर्फ़ानी के दर्शन के लिए शिव भक्तों का पहला जत्था कड़ी सुरक्षा में जम्मू से रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि इस बार चिकित्सकीय सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। बिना पंजीकरण या चिकित्सकीय प्रमाण पत्र के किसी को भी यात्रा की अनुमति नही दी जायेगी।

दो सालों बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

2 साल बाद फिर अमरनाथ धाम की शुरुआत हो गई है जिससे श्रद्धालुओं में काफ़ी उत्साह है। 11 अप्रैल से ही यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आरम्भ था और लगभग 3 लाख तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पिछले 2 साल से यह यात्रा कोरोना के कारण बंद थी,जिसको इस साल शुरू किया गया है। जिसकी शुरुआत 30 से होने वाली है और 11 अगस्त तक चलेगी।

यह यात्रा परंपरागत दोहरे मार्ग से एक साथ होगी। एक मार्ग दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 48 किलोमीटर लंबा नूनवान है। दूसरा मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है। आज कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर पहले जत्थे को रवाना किया, जिसमें 3000 से ज्यादा श्रद्धालु कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए।

अमरनाथ यात्रा और उसकी विशेषता

अमरनाथ गुफा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्‍थल है। प्राचीनकाल में इसे ‘अमरेश्वर’कहा जाता था। यह गुफा श्रीनगर से लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा यह गुफा हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित है। समुद्र के तल से 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा 160 फुट लंबी और 100 फुट चौड़ी है।

हिन्दू माह के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा से प्रारंभ होती है और पूरे सावन महीने तक चलती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव इस गुफा में पहले पहल श्रावण मास की पूर्णिमा को आए थे इसलिए उस दिन को अमरनाथ की यात्रा को विशेष महत्व मिला।