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जी20 अध्यक्षता से भारत छाएगा दुनिया के पर्यटन नक़्शे पर: केंद्रीय पर्यटन सचिव

फिक्की और नांगिया एंडरसन द्वारा 'इनबाउंड टूरिज्म इन इंडिया - अनलॉकिंग द पोटेंशियल' शीर्षक से तैयार एक ज्ञान-प्रपत्र (नॉलेज पेपर) भी जारी किया गया। रिपोर्ट में भारत में आने वाले पर्यटन के वर्तमान परिदृश्य, इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा की जा रही पहल, भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न विशिष्ट पर्यटन उत्पादों, भारत की जी20 पर्यटन प्राथमिकताओं और पर्यटन क्षेत्र के संबंध में विजन 2047 पर प्रकाश डाला गया है।


नई दिल्ली।
भारत सरकार में पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री अरविन्द सिंह ने कहा आज़ादी के अमृत महोत्सव ‘अमृत काल’ में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विशनरी लीडरशिप में भारत की जी20 अध्यक्षता से भारत के पर्यटन क्षेत्र के तीव्र गति से वृद्धि करने की आशा है।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा फिक्की और राजस्थान के पर्यटन विभाग के साथ आयोजित किए जा रहे ‘ग्रेट इंडियन ट्रैवेल बाजार’ (जीआईटीबी) के 12वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में श्री अरविंद सिंह ने कहा, “भारत की जी20 अध्यक्षता ने पर्यटन क्षेत्र के लिए अद्वितीय अवसरों निर्मित किये हैं। हम पहले से ही जी20 की अध्यक्षता और कश्मीर – भारत के मुकुट रत्न में अगली बैठक के बीच में हैं। इससे भारत में काफी बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है, जिससे भारत को विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाने में मदद मिलेगी।

“भारत की जी20 अध्यक्षता में देश में इस वर्ष एक लाख से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों के आने की आशा है। वे स्मारकों और त्योहारों सहित हमारी संस्कृति की विविधता, समृद्धि और अनेकता से रूबरू हो पायेंगे। हम आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के एक प्रमुख चालक के रूप में इसकी क्षमता को पहचानते हुए अंतर्गामी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं, साथ ही हम देश में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने की प्रक्रिया में हैं। जीआईटीबी राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, फिक्की की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी और राजस्थान की पूर्व पर्यटन सचिव श्रीमती मीरा महर्षि की तिकड़ी द्वारा परिकल्पित, लॉन्च और पोषित मंच है। यह एक ऐसा मंच है, जो हमारे प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा,” श्री अरविन्द सिंह ने कहा।

रोजगार सृजन के लिए पर्यटन की क्षमता पर जोर देते हुए राजस्थान की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने के साथ-साथ रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करता है, जिसने इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

उद्घाटन सत्र में बोलते हुए श्रीमती उषा शर्मा ने कहा, “कुछ लोग सोचते हैं कि पर्यटन एक ग्लैमरस क्षेत्र है, जबकि सच्चाई यह है कि यह क्षेत्र रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करता है। और, हम इसकी क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया है। इस कदम से हमें और भी अधिक निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।”

2007 में जीआईटीबी की परिकल्पना करने के अपने अनुभव को याद करते हुए श्रीमती उषा शर्मा ने कहा, “हमने बी2बी को इस प्लेटफॉर्म का एक बहुत ही आंतरिक हिस्सा बनाने की आवश्यकता महसूस की, जहां सभी हितधारकों के लिए मूर्त परिणाम दिखें हैं।”

जीआईटीबी को “सार्वजनिक निजी भागीदारी का आदर्श उदाहरण” बताते हुए श्रीमती गायत्री राठौर, प्रमुख सचिव – पर्यटन, कला और संस्कृति, राजस्थान सरकार ने कहा कि जीआईटीबी का उद्देश्य बाजार की अपेक्षाओं को समझने के लिए विचारों का आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए पर्यटन हितधारकों को एक मजबूत मंच प्रदान करते हुए भारत में अंतर्गामी पर्यटन को बढ़ावा देना है।

“राजस्थान सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण उद्योग के दर्जे से लेकर ग्रामीण पर्यटन नीति और फिल्म प्रचार नीति को लॉन्च करने के लिए बजटीय समर्थन के साथ कई क्रांतिकारी पहल की हैं। ये कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगे, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे,” श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा।

जीआईटीबी उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के माननीय अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा, “कोविड के दौरान हमारे भीलवाड़ा मॉडल ने लोगों की जान बचाई। उसी तरह हमारे माननीय मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देकर उसे बूस्टर डोज़ दिया है। आवभगत या मेहमाननवाजी हमारे मूल में और आसान नीति के रूप में हमारे समर्थन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होटल खुल रहे हैं, जो राजस्थान के गांवों में रोजगार सृजन को गति प्रदान कर रहे हैं।

अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग दोनों के समर्थन की सराहना करते हुए फिक्की की पर्यटन और संस्कृति समिति के अध्यक्ष (चेयरपर्सन) श्री दीपक देवा ने कहा, “हमें भारत में आर्थिक विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की विशाल क्षमता के साथ-साथ जिम्मेदार और समावेशी पर्यटन को बढ़ावा देना होगा, जोकि स्थानीय समुदायों, उनकी संस्कृतियों और प्राकृतिक पर्यावरण का सम्मान करता है। जीआईटीबी विकास और वृद्धि के नए अवसरों को जोड़ने, सहयोग करने और बनाने के लिए पर्यटन हितधारकों के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।

जोर देते हुए कि जीआईटीबी के दो नहीं बल्कि तीन निर्माता थे, डॉ. ज्योत्सना सूरी, पूर्व अध्यक्ष, फिक्की और द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की सीएमडी ने कहा, “हम तीन श्रीमती उषा शर्मा, श्रीमती मीरा महर्षि और मैंने जीआईटीबी की कल्पना की और लॉन्च किया। आज यह अंतर्गामी टूरिज्म की दुनिया में बेहद सम्मानित कार्यक्रम बन गया है। कई राज्यों के साथ पर्यटन उद्योग के सदस्य कई बहुमुखी (डायनामिक) और अद्वितीय उत्पादों के अपने व्यापक स्पेक्ट्रम का प्रदर्शन करेंगे।”

तुलना करते हुए फिक्की के महासचिव श्री शैलेश पाठक ने कहा, “हरित पर्यटन से पूरे भारत में पर्यटन स्थलों के आसपास के गांवों की आय में भारी वृद्धि होगी। प्रत्येक 10 लाख रुपए का निवेश से जहाँ विनिर्माण क्षेत्र में जहां 45 नौकरियां पैदा होती हैं, वहीं पर्यटन क्षेत्र इतने ही निवेश पर 78 नौकरियों उत्पन्न करता है।”

इंडियन हेरिटेज होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष और होटल कैसल मंडावा के सीएमडी श्री रणधीर विक्रम सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। जीआईटीबी के उद्घाटन में भारत में दक्षिण कोरिया गणराज्य के राजदूत महामहिम श्री चांग जाई-बोक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और राजस्थान सरकार के अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुये। इसके अलावा होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (IHHA) और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (RATO) के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

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