नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए मंत्रिमंडल का परिचय सदन से नहीं करा सके। कई अहम मुद्दों पर बात नहीं हो सकी। इसके बाद सरकार की ओर से यही कहा जा रहा है कि विपक्षियों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, महिला और वंचितों को इस बार सरकार में अधिक भागीदारी हुई है।
लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये कौन सी मानसिकता है जो दलितों, आदिवासियों, किसान के बेटे का गौरव करने को तैयार नहीं है? इस प्रकार की मानसिकता पहली बार सदन ने देखी है। आज जब देश के किसान परिवार के बच्चे मंत्री बनकर सदन में उनका परिचय हो रहा है तो कुछ लोगों को बड़ी पीड़ा हो रही है। आज इस सदन में मंत्री बनी महिलाओं का परिचय हो रहा है तो वो कौन सी महिला विरोधी मानसिकता है जिसके कारण सदन में उनका नाम सुनने को भी तैयार नहीं हैं।
Speaking at the start of the Monsoon Session of Parliament. https://t.co/QENuZOzQRh
— Narendra Modi (@narendramodi) July 19, 2021
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब मंत्रिमंडल का विस्तार होता है और नए मंत्रियों की शपथ होती है, उसके बाद PM मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय कराते हैं। PM उसी परंपरा का निर्वाह कर रहे थे लेकिन कांग्रेस ने हंगामा किया, ये बहुत निंदनीय है।
वहीं, राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के पहले दिन जिस तरह से विपक्ष ने व्यवहार किया, उसकी हम निंदा करते हैं। आज दोनों सदनों में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति देखने को मिली। जब भी नया मंत्रिमंडल बनता है या मंत्रिमंडल में बदलाव होता है तो प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय कराते हैं। वर्षों से चली आ रही परंपरा आज पहली बार सदन में तोड़ी गई, विपक्ष ने शायद इसलिए इसमें व्यवधान किया क्योंकि उनसे ये देखा नहीं गया कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में देश के वंचित और पीड़ित समाज के लोगों को प्रधानमंत्री ने कैबिनेट में शामिल किया।
मानसून सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का अमर्यादित व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण था।
पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्ग व पूर्वोत्तर के प्रतिनिधि मंत्रीमंडल में शामिल हुए हैं। विपक्ष द्वारा उनका परिचय तक ना होने देना निंदनीय है। pic.twitter.com/0NdYR5B54E
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 19, 2021
मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जब नये मंत्रियों का सदन में परिचय देना शुरू किया, उसी दौरान दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की। किंतु उनकी अपील का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और सदन में हंगामा जारी रहा।
वहीं, कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमें कोरोना कुप्रबंधन, चीन, किसानों, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर सरकार हर दिन रचनात्मक चर्चा करने के लिए तैयार होगी तो संसद वैसे चलेगी जैसे लोग उम्मीद करते हैं, सरकार संसद को नोटिस बोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है।
This Policy has never been explicitly repudiated by the Govt. And hacking by anyone remains illegal under Indian law. #Pegasus https://t.co/tyqU336e98
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 19, 2021
शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बताया, “देश के किसान इंसाफ चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सारी पार्टी एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी हों और कानून वापस लेने का दबाव डालें।”