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अभी बेहतर नहीं है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, 63 जिलों में कोई ब्लड बैंक तक नहीं

ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमों के तहत रखा गया है, जिसके तहत ब्लड बैंक चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। देश में लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंकों की संख्या 3,321 है जिन्होंने 2019-20 में 1.27 करोड़ ब्लड यूनिट का संग्रह किया।

नई दिल्ली। यदि आपसे यह कहा जाए कि देश में अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत बुरा हाल है, तो क्या सोचेंगे ? स्वास्थ्य सेवाओं का खस्ताहाल कोरोना में उजागर हो चुका है। हालांकि, फौरी तौर पर कोरोना महामारी से लडने के लिए सरकारी स्तर पर खूब प्रयास किए गए। इसके बावजूद जब सरकार की ओर से ही यह कहा जाए कि देश के 63 जिलों में अभी तक ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है, तो आप चिंता में कुछ पल के लिए जरूर होंगे।

यह पूरी तरह सच है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने इस आशय की जानकारी संसद सत्र में दी है। वैसे, आम बजट 2021-22 में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मोटा रकम जारी किया गया है। उम्मीद है कि देश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। केंद्र सरकार की ओर से राज्यसभा में कहा गया कि सितंबर, 2020 तक प्राप्त खबरों के मुताबिक, देश के 63 जिलों में कोई ब्लड बैंक नहीं है।

दरअसल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चैबे से इससे संबंधित सवाल पूछा गया था। उनसे यह पूछा गया कि क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया है या कदम उठाएगी कि देश के सभी जिलों में कम से कम एक ब्लड बैंक हो ? इस सवाल के लिखित जवाब में अश्विनी चैबे ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, राज्य का विषय है और राज्य सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार ब्लड बैंकों की स्थापना सुनिश्चित करें।

मंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर मौजूदा ब्लड बैंकों को मजबूत करने ध् नए ब्लड बैंक स्थापित करने सहित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली को मजबूत करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

सरकारी आंकडें बताते हैं कि बिना ब्लड बैंक वाले 63 जिलों में अरुणाचल प्रदेश के 14 जिले, असम और बिहार के 5-5 जिले, मणिपुर के 12 जिले, मेघालय के सात जिले और नागालैंड के नौ जिले शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री ने कहा कि नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, एमओएचएफडब्ल्यू ने ब्लड बैंक नीति तैयार की है, जिसके अनुसार हर जिले में कम से कम एक ब्लड बैंक होना चाहिए। ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमों के तहत रखा गया है, जिसके तहत ब्लड बैंक चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। देश में लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंकों की संख्या 3,321 है जिन्होंने 2019-20 में 1.27 करोड़ ब्लड यूनिट का संग्रह किया।

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