नई दिल्ली। मानसून के दौर में देश के कई हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में बारिश से लोगों का आम जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। कुछ राज्यों में बाढ़ का कहर भी जारी है। रोजमर्रा के कामों में लोगों को दिक्कत आ रही है।
पश्चिम मेदिनीपुर में बारिश की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
#WATCH पश्चिम बंगाल: पश्चिम मेदिनीपुर में बारिश की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। (17.09.21) pic.twitter.com/T93t6Nf2UA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2021
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की वजह से वाराणसी, प्रयागराज, हमीरपुर, बांदा, इटावा, जालौन, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर , फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा और फतेहपुर के 1200 गांव प्रभावित है। गा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान को पार कर गई है, तो यमुना नदी औरैया, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट, बांदा और नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बारिश जब रुक-रुक होती है तो उमस बढ़ जाती है। मौसम विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि उमस का कारण यही होता है। बारिश कम होती है तो जमीन से उमस बढ़ती है।
उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश से कई प्रकार की समस्याएं आ गई हैं। इसलिए सरकारी आदेश जारी किया गया है कि वर्तमान में अत्यधिक बारिश से जगह-जगह जलभराव, भूस्खलन और विभिन्न जगहों पर दुर्घटना हो रही है ऐसी में सभी ज़िला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे किसी भी दशा में (आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर) अपना फोन स्वीच ऑफ नहीं रखेंगे।
बिहार में बाढ़ से लगभग 15 जिले प्रभावित हैं। इसमें दरभंगा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भोजपपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर शामिल हैं। इसमें अधिकतर जिले ऐसे हैं जहां बाढ़ के साथ बरसात आफत बनकर आई है। कड़ों के मुताबिक कुल 86 प्रखंडों के 570 पंचायत अधिकांश या पूर्ण रूप से प्रभावित हैं। प्रभावित गांवों की संख्या 1491 बताई जा रही है।