नई दिल्ली। 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 के बाद से आप सब ने एक गुणात्मक परिवर्तन देखा होगा। भारतीय भाषाओं में बोलने वाले सांसदों की संख्या बहुत बढ़ी है। इसका मुझे बहुत-बहुत आनंद है। उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय भाषा का एकदूसरे से स्पर्धा नहीं है। सभी भारतीय भाषाएं एकदूसरे की पूरक है, एकदूसरे को बल देती है। इसलिए हिंदी और देवनागरी को स्वीकार करने के साथ ही हमने सभी भाषाओं को स्वीकार करने का निर्णय लिया।
यह कार्यक्रम विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भाषा मनोभाव व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। हिंदी हमारी सांस्कृतिक चेतना व राष्ट्रीय एकता का मूल आधार होने के साथ-साथ प्राचीन सभ्यता व आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। मोदी जी के नेतृत्व में हम हिंदी व सभी भारतीय भाषाओं के समांतर विकास के लिए निरंतर कटिबद्ध है।
'हिंदी दिवस समारोह-२०२१’ के अवसर पर मेरा संबोधन। https://t.co/v9arN9CosW
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2021
यदि हम केंद्रीय मंत्रालय के कामकाज को देखें तो पाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में हिंदी में कामकाज बढ़ा है। सोशल मीडिया पर हिंदीभाषी लोगों की आवाजाही बढ़ी है। हाल ही में पेश की गई नई शिक्षा नीति में भी हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को शिक्षा क्षेत्र में उचित स्थान देने की बात कही गई है।