Home पॉलिटिक्स ऐतिहासिक कालका मेल ट्रेन से देख सकते हैं बंगाल की सियासत, ‘नेताजी...

ऐतिहासिक कालका मेल ट्रेन से देख सकते हैं बंगाल की सियासत, ‘नेताजी एक्सप्रेस’ पर सवार हुई राजनीति

नई दिल्‍ली। हाल के दिनों में जिस प्रकार से केंद्र सरकार की घोषणाएं हो रही हैं, उसके टाइमिंग को देखा जाए तो बेहद अहम हो जाता है। जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल की विधानसभा चुनाव को भारतीय जनता पार्टी और इसके केंद्रीय नेतओं ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है, उसमें हर दिन नया अध्याय जुडता जा रहा है। उसकी ताजा कडी है रेलवे की ऐतिहासिक ट्रेन। यह ट्रेन है – कालका मेल। हावडा से कालका तक की दूरी करने वाली इसका नाम पराक्रम दिवस के अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बदल दिया। आज से यह नेताजी एक्सप्रेस के नाम से पटरी पर सरपट भागेगी।

सियासी गलियारों में चर्चा है कि नेताजी एक्सप्रेस के जरिए भाजपा की कोशिश है कि वह पश्चिम बंगाल की जनता को रिझाएगी। बता दें कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा, इसके लिए भारतीय राजपत्र में अधिसूचना भी जारी कर दी गई।

और तो और, रेलवे ने ऐतिहासिक कालका मेल ट्रेन का आज से नाम बदल दिया गया। अब यह ट्रेन नेताजी एक्सप्रेस के नाम से जानी जाएगी। बता दें कि 23 जनवरी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं सालगिरह पूरा देश मना रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा करते हुए 23 जनवरी से ट्रेन का आधिकारिक तौर पर नाम बदल दिया है।

इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि वर्ष 1941 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अंग्रेजी हुकूमत की कैद से निकलने के लिए इस ट्रेन का इस्तेमाल किया था। अब 130 साल पुरानी इस ट्रेन का नाम बोस के नाम पर किया जाएगा। ‘ईस्ट इंडियन रेलवे मेल’ के तौर पर 1866 में अपनी यात्रा शुरू करने वाली कालका मेल के रूट को दिल्ली से कालका के बीच 1891 में बढ़ाया गया था।

रेल का नाम बदलने के संदर्भ में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज ट्वीट कर कहा कि हम स्वाधीनता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस के अविस्मरणीय योगदान को सलाम करते हैं। उनकी जयंती को अब पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। भारतीय रेलवे ने भी हावड़ा-कालका मेल को नेताजी एक्सप्रेस नाम देने का निर्णय किया है।

Exit mobile version