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कोरोना काल में रेलवे की बदइंतजामी, नहीं लगाई जा रही होम क्वारेंटाइन की मुहर

रेलवे स्टेशन पर धड़ल्ले से नियम कानूनों का धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं और इसे देखने वाला कोई नहीं है. बुधवार को सुबह 10:00 बजे तक 6 ट्रेन रांची रेलवे स्टेशन पहुंचीं लेकिन इन ट्रेनों के अधिकतर यात्रियों को न तो क्वॉरेंटाइन किया गया और न ही उनके हाथों पर होम क्वॉरेंटाइन के लिए मुहर ही लगाई गई. सिर्फ दिल्ली से आई गरीब रथ के कुछ यात्रियों के हाथ में होम क्वारेंटाइन की मुहर लगाई गई. यहां तैनात कर्मचारियों की खानापूर्ति से अधिकतर यात्री बिना मुहर |

बुधवार को सुबह 10:00 बजे तक लोकल, एक्सप्रेस ट्रेन मिलाकर छह ट्रेन रांची पहुंची थीं. उन ट्रेन से आए यात्रियों की कोई विशेष जांच नहीं की गई, जबकि दिल्ली से गरीब रथ एक्सप्रेस 175 यात्रियों को लेकर रांची पहुंची. इसमें अधिकतर यात्री गुमला, सिमडेगा, खूंटी, लोहरदगा और अन्य जिलों के थे. उनके स्टेशन से निकलते समय कुछ यात्रियों के हाथों में होम क्वारेंटाइन की मुहर लगाई गई. लेकिन अधिकतर यात्री बिना मुहर लगवाए ही स्टेशन से बाहर निकल गए और अपने-अपने गंतव्य के लिए निकल गए. इसके अलावा कई यात्री चेन्नई सहित अन्य जगहों के लिए जाने के लिए आए थे. ऐसे यात्रियों से जब पूछा गया की क्या उन्हें होम क्वारेंटाइन की कोई जानकारी है. क्या राज्य सरकार के पोर्टल में यात्रा ब्योरा आप भरते हैं, तो उन्हें कोई जानकारी ही नहीं थी.

बाहर से राज्य में आने वाले लोगों पर नहीं ध्यान
झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने रेलवे, हवाई या सड़क मार्ग से राज्य में आने वाले सभी लोगों को होम क्वारेंटाइन में रहने को लेकर अनिवार्य नियम बनाया है. लेकिन यह नियम केवल सरकारी दस्तावेजों में सिमट कर रह गया है. सरकार के पास और जिला प्रशासन के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि कितने लोग बाहर से आए और कितने लोग झारखंड से बाहर जा रहे हैं और किस माध्यम से वे रांची पहुंच रहे हैं. जबकि शहर के अंदर रहने वाले लोगों के लिए कड़ाई की जा रही है. सब्जी दूध खरीदने के लिए भी लोगों को ई पास बनवा कर घर से निकलना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर अन्य जगहों से आने वाले लोगों को न तो होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है और न ही रेलवे स्टेशन से उन्हें किसी सेंटर में लाया जा रहा है.

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