IIT मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज ने छात्रों को तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सोनी इंडिया से मिलाया हाथ

IIT मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज ने आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सोनी इंडिया सॉफ्टवेयर सेंटर के साथ साझेदारी की है।

IIT मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज ने आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सोनी इंडिया सॉफ्टवेयर सेंटर के साथ हाथ मिलाया है।

इसके पिछे का एक मात्र कारण छात्रों को तकनीकी कौशल प्रदान करना है। जिसके लिए सोनी इंडिया सॉफ्टवेयर सेंटर ने आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी की है।

आईआईटी मद्रास

आईआईटी मद्रास की स्थापना 1959 में हुई थी। यह चेन्नई में स्थित एक सार्वजनिक तकनीकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय है और भारत सरकार द्वारा स्थापित तीसरा आईआईटी भी माना जाता है।

सोनी ग्रुप कॉर्पोरेशन

सोनी एक जापानी बहुराष्ट्रीय समूह निगम है, जिसका मुख्यालय मिनाटो, टोक्यो में है। यह कंपनी उपभोक्ता और पेशेवर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के दुनिया के सबसे बड़े निर्माताओं के रूप में काम करती है। यह सबसे बड़ा वीडियो गेम पब्लिशर और सबसे बड़ी संगीत कंपनी भी है। सोनी सबसे व्यापक मीडिया कंपनियों में से एक हैं।

सम्वेदन 2021 का भी साथ में कर चूके हैं आयोजन 

आपको बता दें कि ‘सम्वेदन 2021’ एक हैकाथॉन था। इस हैकाथॉन के तहत, प्रतियोगियों को भारत में सामाजिक समस्याओं के समाधान विकसित करने के लिए कहा जाएगा। इस प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण एक जुलाई से शुरू हुआ था। खास बात यह है कि यह पंजीकरण सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है। आपको बताते चले कि यह पाठ्यक्रम उन सभी छात्रों को नि:शुल्क दिया जा रहा है। जिनके माता-पिता सालाना 8 लाख रुपये से कम कमाते हैं। सोनी इंडिया फिनिशिंग स्कूल स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेखित व्यावसायिक संचार कौशल के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और कंप्यूटर ग्राफिक्स जैसे चुनिंदा क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करने के बारे में आश्वाशन दिया गया था।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदान किए गए इस पाठ्यक्रम की अवधि 6 महीने से अधिक रखी गई थी और इसे ऑफलाइन रूप से संचालित किया जाने का कहा गया था और पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद प्रमाण पत्र भी प्रदान करने की घोषणा की गई थी। 2020-21 में उत्तीर्ण होने वाले और कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को भी इस हैकाथॉन का लाभ देने के उद्वेश्य से इसका आयोजन किया गया था।