इस्लामाबाद। क्रिकेट के मैदान पर भले ही अपनी टीम को विश्वकप तक जिता पाए हों, लेकिन पाकिस्तान के सियासी पिच पर अपने ही पार्टी के बागी नेताओं के कारण हिट विकेट हो रहे हैं इमरान खान। पांच साल के अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उनकी एक भी यॉर्कर सियासी पिच पर विरोधियों को मात नहीं कर पा रही है। अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे हालात में इमरान खान फ्लोर टेस्ट से पहले ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री इमरान खान को सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले बुधवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब उनके प्रमुख सहयोगी दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से हाथ मिला लिया। मंगलवार देर रात को हुई एक बैठक के बाद विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। MQM-P के पास 7 सांसद हैं। MQM-P के जाने के बाद इमरान सरकार में अब सिर्फ 164 सांसद बचे हैं, जबकि विपक्ष के पास अब 177 सांसदों का समर्थन है। नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 का आंकड़ा होना जरूरी है।
متحدہ اپوزیشن اور ایم کیوایم کے درمیان معاہدہ ہوچکا ہے، ایم کیوایم کی رابطہ کمیٹی اور پی پی پی کی سینٹرل ایگزیکٹو کمیٹی مذکورہ معاہدے کی توثیق کریں گے، جس کے بعد ہم انشاء اللہ کل میڈیا کو پریس کانفرنس میں تفصیلات بتائیں گے۔
مبارک ہو پاکستان https://t.co/60GpbqFmAA— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) March 29, 2022
पाकिस्तान के सियासी घटनाक्रम में गौर करने लायक यह भी है कि पाकिस्तान के होम मिनिस्टर शेख रशीद ने एक बार फिर वक्त से पहले चुनाव कराने की मांग की है। उनका कहना है कि PM इमरान को जून में बजट पेश करने के तुरंत बाद इलेक्शन कराने चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री और PML-N नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने मंगलवार को मांग की है कि बुधवार को तत्काल संसद का एक सत्र बुलाया जाए और इमरान सीक्रेट लेटर सांसदों के साथ साझा करें। पाकिस्तान सरकार के मंत्री असद उमर ने मंगलवार को बताया कि इमरान अपने ‘सीक्रेट लेटर’ को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल से साझा करने के लिए तैयार हैं।