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International Womens Day : जब हाथों पर इंकलाबी मेहंदी रचाकर किया आंदोलन का नेतृत्व

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गाजीपुर बॉर्डर पहुंची महिलाएं एक दूसरे को मेहंदी लगाकर आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता दिखा रही हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने इस मेहंदी को इंकलाबी मेहंदी नाम दिया है।

नई दिल्ली। एक बार नहीं, कई बार महिलाओं ने अपना दमखम दिखाया है। सोमवार को भी महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई है। हाथों में इंकलावी मेंहंदी और नेतृत्व आंदोलन का। शायद ही किसी ने ऐसा माहौल कभी देखा हो। अपने परिवार के साथ कदम दर कदम मिलाकर चलने वाली महिलाओं ने किसान आंदोलन में जब अपना यह रूप दिखाया, तो महिला सशक्तीकरण की इससे बेहतर मिसाल नहीं हो सकती।

कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गाजीपुर बॉर्डर पहुंची महिलाएं एक दूसरे को मेहंदी लगाकर आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता दिखा रही हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने इस मेहंदी को इंकलाबी मेहंदी नाम दिया है। अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन की कमान संभालने के लिए महिलाएं टीकरी बॉर्डर पहुंची हैं। पटियाला से आईं एक प्रदर्शनकारी महिला ने बताया,  कानून रद्द करे। हम अपने छोटे-छोटे बच्चे छोड़ कर आए हैं।

 

प्रदर्शन कर रही किसान महिलाओं ने कहा कि यह इंकलाबी मेहंदी है। हमने हर कदम पर अपने परिवार और साथियों के साथ काम किया है। किसान आंदोलन हमारा मांग और अधिकार है। इसलिए हमने तय किया था कि आंदोलन में शामिल महिलाएं अपने हाथों पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे नारे इंकलाबी नारे रचवाएंगी। हमने जैसा निर्णय लिया, उसे पूरा किया।

किसान नेता योगेंद्र यादव की ओर से कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने हमेशा आंदोलन के दौरान महिला किसानों की शक्ति को महत्व दिया है। महिलाएं सभी स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। चाहे वे टोल बैरियर हों या स्थायी विरोध स्थल। यह उनका दिन है। किसान यूनियनों की ओर से दावा किया गया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की लगभग 40,000 के करीब महिलाएं दिल्ली विरोध स्थलों पर एकत्रित हुईं। इनमें सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाएँ शामिल हैं।

वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि महिला दिवस हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक उत्सव का दिन है। देश और पूरे विश्व में महिलाओं ने समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के अंदर अपने कीर्तिमान स्थापित किए और ऐसे महत्वपूर्ण काम किए जो समाज के पुरुष भी नहीं कर सकते।

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