Home राष्ट्रीय बार-बार बंद की जा रही है इंटरनेट सेवा, अब दो फरवरी की...

बार-बार बंद की जा रही है इंटरनेट सेवा, अब दो फरवरी की रात तक निलंबित रहेंगी दिल्ली की सीमाओं पर इंटरनेट

दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार रात तक के लिए बढ़ा दी है। इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। यह व्यवस्था 31 जनवरी को रात 11 बजे से आरंभ हुई और दो फरवरी को रात 11 बजे तक जारी रहेगी।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर सरकार और प्रशासन की पूरी नजर है। किसी भी प्रकार की कोई अफवाह जंगल की आग की तरह नहीं फैले, इसलिए प्रशासन इंटरनेट पर समय-समय पर प्रतिबंध लगाती है। अब नई जानकारी मिली है कि दिल्ली की तीन सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को देखते हुए सरकार ने दो फरवरी की रात तक इंटरनेट सेवा बाधित कर दिया गया है।

असल में, केंद्रीय गृहमंत्रालय की अनुशंसा पर यह कार्रवाई की गई है। दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार रात तक के लिए बढ़ा दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हमने सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया है। इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। यह व्यवस्था 31 जनवरी को रात 11 बजे से आरंभ हुई और दो फरवरी को रात 11 बजे तक जारी रहेगी।

बता दें कि टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन (जन आपातकाल या जन सुरक्षा) नियम 2017 के तहत यह फैसला ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने तथा जन आपातकाल से बचने’’ की खातिर लिया गया है। पहले, इन तीन सीमाओं तथा आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को 29 जनवरी रात 11 बजे से लेकर 31 जनवरी रात 11 बजे तक के लिए निलंबित किया गया था। इससे पहले, किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के कुछ इलाकों में 26 जनवरी को इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया था।

इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड रहा है। कुछ लोगों ने कहा कि आजकल बच्चों की पढाई भी इंटरनेट के माध्यम से ही हो रही है। ऐसे में हमारे बच्चों को भी इन आंदोलनों के कारण अब दिक्कत हो रही है। लोगों का कहना है कि बहुत दिन तक किसानों का आंदोलन चला। अब किसान संगठनों और सरकार को आपस में मिलकर समाधान की ओर बढना चाहिए। दिल्ली में कई व्यापारिक प्रतिष्ठान भी इस आंदोलन के कारण खस्ताहाल में पहुंच गए हैं।

Exit mobile version