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Pakistan Story : क्या यही है सच पाकिस्तान का, इमरान ने कही भूख सबसे बड़ी चुनौती

पाकिस्तान के लिए भूख सबसे बड़ी समस्या है। आतंक की जड़ भी यही है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे देश की सबसे बड़ी चुनौती बताकर देश की खस्ता हालात को बयां कर दिया है।

करांची। एक पड़ोसी के झांसे में आकर दूसरे पड़ोसी से लगातार लड़ते-लड़ते किसी भी देश की हालत कितनी दयनीय हो सकती है, यह पाकिस्तान को देखकर समझा जा सकता है। पहले अमेरिका के कहे अनुसार चला, उसके बाद चीन के झांसे में आया और बीते सात दशक से भारत के दुश्मनी। नतीजा, विकास के बजाय विनाश के रास्ते पर चलता रहा पाकिस्तान।

भारत को अस्थिर करने कीे कोशिश में पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों को पाला। आज वह खुद भूखमरी (Hunger) के कगार पड़ा है। भूख पाकिस्तान (Pakistan) की सबसे बड़ी चुनौती है। इस बात को अब स्वयं प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) स्वीकार कर रहे हैं।

आतंकवाद की राह पर चलते-चलते पाकिस्तान (Pakistan) किस तरह बदहाल हो गया है यह दुनिया से छिपा नहीं है। नया पाकिस्तान बनाने का वादा करके सत्ता में आए इमरान खान (Imran Khan) भी स्वीकार करते हैं कि उनका मुल्क कंगाल हो चुका है। इमरान खान ने खाद्य सुरक्षा को पाकिस्तान की सबसे बड़ी चुनौती माना है। उनका कहना है कि भविष्य में आबादी को खाने की कमी से बचाने के लिए मुल्क को कदम उठाने की आवश्यकता है। पाकिस्तान में 40 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

पाकिस्तानी मीडिया में एक रिपोर्ट आई है। उस रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में किसानों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले साल 40 लाख टन गेहूं का आयात किया है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर बहुत बुरा असर पड़ा है।

एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इमरान (Imran Khan) ने कहा कि यदि कोई देश अपने लोगों को अच्छा भोजन नहीं दे सकता है तो वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता। यदि 15-40 फीसदी आबादी भूखी हो तो वे देश को नीचे करेंगे और करना भी चाहिए। जो देश अपनी जनता को पर्याप्त खाना ना दे सके उसे सजा देनी चाहिए।

लोगों का कहना है कि इमरान खान (Imran Khan) जब क्रिकेट के पिच पर खेलते थे तो पाकिस्तान के लिए गर्व की बात रही। मगर प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी छवि को धक्का लगा है। उनके शासनकाल में जनता परेशान है। विपक्षी दल उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे हैं। अब तो स्वयं इमरान खान ने भूख और गरीबी की पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना है। लोगों का कहना है कि जब प्रधानमंत्री चुनौती मानकर समाधान की बात नहीं करते हैं, तो आम जनता क्या कर पाएगी ?

 

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