Home लाइफस्टाइल Janmashtami 2022 : आप कब मना रहे हैं जन्माष्टमी ?

Janmashtami 2022 : आप कब मना रहे हैं जन्माष्टमी ?

नई दिल्ली। कहा जा रहा है कि भगवान श्रीकृष्ण की 5249वीं जयंती इस साल 19 अगस्त को है। शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था। अष्टमी तिथि आज यानी 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है, 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। सनातन धर्म में श्रीकृष्ण की बहुत मान्यता है और पूरे धूमधाम से भारत सहित कई देशों में यह मनाया जाता है।

दही हांडी एक महत्वपूर्ण और मजेदार परंपरा है, 19 अगस्त, 2022 को होगी।यह एक प्रतिस्पर्धी घटना है जिसमें दही, मक्खन, या किसी अन्य दूध आधारित उत्पाद से भरे मिट्टी के बर्तन को एक पहुंच योग्य ऊंचाई पर लटकाना शामिल है। ठीक उसी तरह जैसे युवा कृष्ण और उनके दोस्त इसे करते थे, लोग एक मानव पिरामिड बनाते हैं और विपरीत टीम के ऐसा करने से पहले बर्तन तक पहुंचने और उसे तोड़ने का प्रयास करते हैं।

पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में आधी रात को मथुरा में हुआ था। जानकार बाता रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था। इस बार ऐसा योग 18 अगस्त को बन रहा हैm जबकि कुछ पंडितों का मानना है कि 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को मान्यता देने वाले लोग 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। हालांकि अगर धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था।

जन्माष्टमी पर बन रहे हैं ये शुभ योग
अभिजित मुहुर्त- 18 अगस्त को 12 बजकर 05 मिनट सो दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

ध्रुव योग- 18 अगस्त को शाम 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त को शाम 8 बजकर 59 मिनट तक

वृद्धि योग- 18 अगस्त को 8 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त को शाम 8 बजकर 59 मिनट तक

पूजन विधि

– कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में कान्हा को पंचीरी और पंचामृत का भोग जरूर लगाएं.

– कान्हा को भोग लगाते समय सभी चीजों में तुलसी के पत्ते अवश्य डालें.

– कृष्ण जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को नए कपड़े अवश्य ही पहनाएं.

– पूजा में हमेशा साफ कपड़े और साफ बर्तनों का प्रयोग करें.

– कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात को ही करें और घी का दीपक जलाएं.

– कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान कभी भी किसी के साथ बुरा व्यवहार न करें.

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