Home दुनिया Kabul Update : महिलाओं को लेकर वाकई नजरिया बदलेगा तालिबान ?

Kabul Update : महिलाओं को लेकर वाकई नजरिया बदलेगा तालिबान ?

काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अबतक दर्ज नहीं की गई है । तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद लोग घरों में हैं और भयभीत हैं।

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते ही वहां की महिलाओं को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। महिला अधिकारों और उनके जीवनशैली पर कई तरह की पाबंदियों की बात हो रही है। हालांकि, तालिबान की ओर से कहा गया है कि वह महिलाओं को अधिकार देगा। इस संदर्भ में उसके प्रवक्ता बयान जारी कर अन्य देशों को सोच बदलने की सलाह भी दे रहे हैं।
पुरानी पीढ़ी तालिबान की अति रूढ़िवादी सोच को याद कर रही है, जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क पर हमले के बाद अमेरिका की अफगानिस्तान पर हमले से पहले सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने पहली बार संघीय स्तर पर शासन की ओर से टिप्पणी की है। काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अबतक दर्ज नहीं की गई है । तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद लोग घरों में हैं और भयभीत हैं।

अफगानिस्तान की एक महिला ने तालिबान को खुली चुनौती दी है। ये हैं पाकिस्तान की पहली और सबसे युवा महिला मेयर जरीफा गफारी। उन्होंने कहा कि तालिबान आए और मुझे मारकर दिखाए। जरीफा गफारी ने तालिबान को खुला चेलैंज देते हुए कहा कि, ‘मैं यहां उनके आने का इंतजार कर रही हूं। मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला यहां कोई नहीं है। मैं बस उनके (परिवार) और अपने पति के साथ बैठी हूं और वे(तालिबान) मेरे जैसे लोगों के लिए आएंगे और मुझे मार देंगे।’

तालिबान इस्लामिक कानूनों की कट्टर व्याख्या के तहत शासन करता करता है जिसमें महिलाएं घरों तक सीमित कर दी जाती हैं। तालिबान ने हाल के वर्षों में अधिक लचीला रुख दिखाया है लेकिन अफगान लोग इसको लेकर आशंकित हैं।

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