विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया में, डूबना बच्चों और 1-24 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए, विश्व स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। बता दें कि हर साल लगभग 236,000 लोग डूबकर अपनी जान गवां बैठते हैं। साल 2021 में इस मामले पर गंभीरता से संयुक्त राष्ट्र ने विचार किया, और डब्ल्यूएचओ को एक प्रस्ताव जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर डूबने की रोकथाम पर कार्रवाई के प्रयासों के लिए आमंत्रित किया।
अप्रैल 2021 में, महासभा के प्रस्ताव में लिए गए फैसले के अनुसार, घोषणा की गई कि प्रत्येक वर्ष के 25 जुलाई को विश्व डूबना रोकथाम दिवस यानी ‘विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन दिवस’ के रूप मनाया जायेगा। साल 2022 में इसके दूसरे संस्करण को लेकर डब्ल्यूएचओ ने वेबिनार का आयोजन भी किया है, जहां 27 जुलाई को ऑनलाइन माध्यम से एक कार्यकर्म में सुरक्षा और इससे जुड़ी अन्य जानकारी को लोगों और वैश्विक संगठनों से साझा किया जाएगा।
डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, डूबना अनजाने में हुई चोट से होने वाली मौत का तीसरा प्रमुख कारण है, जो चोट से संबंधित सभी मौतों का 7% है। यहां तक कि डूबने से होने वाली मौत से अर्थव्यवस्थाओं के साथ साथ और वैश्विक क्षेत्रों में बोझ महसूस किया जाता है।
रिपोर्ट में जारी हुए कुछ संबंधित तथ्य
– कम और मध्यम आय वाले देशों में अनजाने में डूबने से होने वाली मौतों का मामला 90% से अधिक है।
– दुनियाभर में आधे से अधिक डूबने की घटनाओं के मामले पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से आती है।
– पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में, डूबने से मृत्यु दर सबसे अधिक है, जो क्रमशः यूनाइटेड किंगडम या जर्मनी में देखी गई तुलना से 27-32 गुना अधिक है।
विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन दिवस के उद्देश्यों में पानी से दूर सुरक्षित स्थान को प्रदान करने के अलावा बच्चों की देखभाल के साथ प्री-स्कूल के बच्चों के लिए चाइल्डकैअर सेंटर, तैराकी, पानी में सुरक्षा, सुरक्षित जीवन रक्षा कौशल, सुरक्षित बचाव, सुरक्षित नौका विहार की स्थापना और शिपिंग, नौका विनियम, और बाढ़ जैसे जोखिम प्रबंधन में सुधार से सम्बंधित बातों पर विमर्श व इन सब को लागू करने की योजना शामिल है।