Home पॉलिटिक्स कुमार विश्वास ने अपने बयान पर मचे बवाल के बाद मांगी माफी

कुमार विश्वास ने अपने बयान पर मचे बवाल के बाद मांगी माफी

राम के विषय में उन्होंने कहा कि राम किसी एक धर्म के नहीं हैं, वे तो समूची मानव जाति के हैं, पूरे विश्व के हैं। मंथरा के कैकयी की मति मलिन की थी। अगर बाहर का कोई कहे कि आपके परिवार का कोई आपके खिलाफ है तो परिवार में कोई अपने खिलाफ नहीं है। बाहर वाला परिवार के खिलाफ है। उस बाहर वाले से दूर हो जाओ।

उज्जैन/भोपाल। कवि कुमार विश्वास ने कालिदास अकादमी में रामकथा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर दिए बयान पर मचे बवाल के बाद बुधवार को माफी मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें विषवमन नहीं करना चाहिए। मेरे माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा के लिए लड़ने वाले जो युवा तैयार हो रहे हैं, उनका मनोबल कमजोर न करें।

दरअसल, विक्रमोत्सव के तहत उज्जैन में 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मंगलवार की रात कवि कुमार विश्वास ने रामकथा के दौरान अपने-अपने राम विषय पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया था। इससे पहले प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल आदि ने कुमार विश्वास का स्वागत किया और उनके साथ खूब फोटो भी खिंचवाए, लेकिन बुधवार सुबह कुमार विश्वास के विवादास्पद बयान का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया। इसको लेकर कालिदास अकादमी के बाहर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही। बिना पास के किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। अनावश्यक लोगों को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया।

इस बवाल के पर बुधवार को कवि कुमार विश्वास ने रामकथा की शुरुआत क्षमा के साथ की। उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा कि आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें। इसके बाद शंकर के राम विषय पर उन्होंने रामकथा के प्रसंग सुनाए। रामकथा शुरू करने के पहले कुमार विश्वास ने कहा कि कथा में मन का विकार दूर करके बैठे। अगर कोई आपके घर आता है तो आप घर को साफ सुथरा बनाते हैं, गंदगी को घर से दूर करते हैं, इसलिए रामकथा में मन के विकार को दूर करके आना चाहिए।

उन्होंने शंकर के राम के बारे में कहते हुए कहा कि आज एक युवा ने उनसे कहा कि कोरोना के कारण उसका सब कुछ बर्बाद हो गया। कामधंधा बंद हो गया, माता का निधन हो गया। पत्नी छोड़कर चली गई। एक बेटे को अकेला पाल रहा हूँ। टूट गया हूँ, क्या करूँ। इस पर सभास्थल से ही कुमार विश्वास ने उस अनजाने युवा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बिना टूटे विकास नहीं होता। गर्भ का शिशु जब तक गर्भ नाल से टूटता है तभी वह बड़ा होना शुरू होता है। बादल टूटते हैं तो खेत लहलहाते हैं। दुनिया की बिजली परमाणु के टूटने से बनती है। परमाणु टूटता है तो बिजली भी बनती है बंब भी बनता है। अगर वह टूटा है तो ईश्वर ने उसे कुछ नया करने के लिए चुन लिया है।

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