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Kumbh Mela 2021 : आज से शुरू हुआ कुंभ मेला, हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

कोरोना काल में हरिद्वार कुंभ का आयोजन अपने आप में एक मिसाल है। सरकारी स्तर पर तमाम व्यवस्था की गईं हैं, तो उत्तराखंड हाईकोर्ट भी लगातार इस पर नजर बनाए हुए है। सरकारी व्यवस्थाओं को लेकर श्रद्धालु संतोष प्रकट कर रहे हैं।

हरिद्वार। हरिद्वार (Haridwar) में आज से कुंभ मेला (Kumbh Mela 2021) शुरू हो गया है। आज सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर की पौड़ी पर स्नान करते दिखे। कोरोना काल में सरकारी स्तर पर कई तरह के स्वास्थ्य इंतजाम दिखाई दिए। राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण अधिक है, वहां से लोग कुंभ मेला में आते हैं, तो उन्हें 72 घंटे पहले का कोरोना (COVID19) निगेटिव रिपोर्ट दिखाना होगा।

यातायात आदि सुविधा के लिए उत्तराखंड पुलिस (Utrakhand Police) के साथ कई जगहों पर अर्द्धसैनिक बलों के सुरक्षाकर्मी भी दिखाई दिए। कोरोना का डर तो है, लेकिन साथ ही श्रद्धालुओं में भक्तिभाव है। इसलिए कोरोना काल में इस प्रकार का आयोजन हो रहा है और साधु-संतों के साथ आम लोगों की भागीदारी है। हरिद्वार (Haridwar) में गंगा किनारे एक श्रद्धालु ने बताया कि सरकार ने यहां बहुत अच्छा प्रबंध किया है, नियमों का पालन हो रहा है।

गौर करने योग्य यह भी है कि कुछ दिन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट (Utrakhand Highcourt) ने भी कुंभ (Kumbh Mela 2021) को लेकर टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को कुंभ मेला (Kumbh Mela 2021) क्षेत्र में रोजाना 50 हजार कोविड जांचें कराने के दिशानिर्देश दिए। साथ ही संबंधित रिपोर्ट को नियमित रूप से सरकारी वेबसाइट पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से भी कुंभ मेले (Kumbh Mela 2021) को लेकर पक्ष रखा गया। सरकार ने बताया कि स्वर्गाश्रम के छह घाटों के लिए 30 लाख और नीलकंठ स्वर्गाश्रम रोड के सौन्दर्यीकरण के लिए 3.35 करोड़ स्वीकृत कर दिए गए हैं।

यातायात व्यवस्था पर है सरकार का जोर

12 और 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। शाही स्नानों पर सुरक्षा को देखते हुए पांच दिनों तक धर्मनगरी में हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध हरिद्वार के कोर जोन में रहेगा। 5 किलोमीटर के कोर जोन में प्रशासन के अलावा कोई भी ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा।

मुख्य शाही स्नानों के लिए आठ दिन का ट्रैफिक प्लान मेला पुलिस ने सोशल मीडिया पर जारी कर दिया है। यह प्लान आठ अप्रैल से 15 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले बड़े वाहन मंगलौर एवं रुड़की मैटाडोर तिराहा से लक्सर रोड, सुल्तानपुर फेरुपुरसे मातृसदन होकर दक्षद्वीप पार्किग में आएंगे। इन वाहनों को सिंहद्वार से बहादराबाद-रुड़की होकर वापस भेजा जाएगा। नजीबाबाद और कोटद्वार मार्ग से आने वाले बड़े वाहन और छोटे वाहनों को नजीबाबाद-हरिद्वार मार्ग से आने वाले सभी प्रकार के बड़े वाहन 4.2 किमी से गौरीशंकर से नीलधारा पार्किंग में लाए जाएंगे। इन वाहनों को कोटद्वार से एंट्री कराई जाएगी।

दिल्ली रूट से आने वाले रोडवेज की बसों को पुरकाजी के पास से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जाएगा। ये वाहन लक्सर मार्ग से हरिद्वार के पास तक पहुंच सकेंगे। सहारनुपर से आने वाली रोडवेज की बसों को छुटमलपुर, गागलहेड़ी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल से धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा। हरिद्वार। शहर के अंदर के लिए अलग से प्लान बनाया गया है। दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को शहर के अंदर किसी भी सूरत में नहीं आने दिया जाएगा।

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