Home राष्ट्रीय Kisan Mahapanchayat : करनाल में महापंचायत, आसपास के 4 जिलों में इंटरनेट...

Kisan Mahapanchayat : करनाल में महापंचायत, आसपास के 4 जिलों में इंटरनेट बंद

दो दिन पहले उत्तर प्रदेश में और आज हरियाणा में किसान महापंचायत का आयोजन हो रहा है। किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहा हैं किसी प्रकार की अनहोनी न हो, इसलिए प्रशासन बेहद सख्त है। चार जिलों में इंटरनेट तक बंद कर दी गई है।

नई दिल्ली। हरियाणा के करनाल में आज किसान की महापंचायत होने जा रही है। किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षाबलों की कई कंपनियां तैनात की है। जो स्थानीय पुलिस को मदद करेगी। इसके साथ ही सुरक्षा आदि के नजरिए से आसपास के 4 जिला में इंटरनेट भी बंद कर दी गई है।

किसान महापंचायत से पहले करनाल में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। करनाल के एसपी गंगाराम पुनिया ने कहा कि महापंचायत को देखते हुए ज़िला प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख़्ता बंदोबस्त किए गए हैं। पुलिस की 40 कंपनियां अनाज़ मंडी और आस-पास के क्षेत्र में तैनात की हैं। पुलिस इसलिए तैनात की गई है कि क़ानून व्यवस्था बनी रहे और कोई भी गैरक़ानूनी गतिविधि न हो। किसान महापंचायत के दौरान हम बातचीत भी करेंगे और चाहेंगे कि मामले का बातचीत से हल निकले।

बता दें कि बीते दिनों हरियाणा के कुछ जिलों में जब किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तो उनपर पुलिस लाठीचार्ज किया गया था। इसके बाद हरियाणा सरकार को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। करनाल में आज होने वाली किसान महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने 4 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं।

किसानों की लगातार हो रही महापंचायत पर केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान का कहना है कि मामला राजनीतिक हो चुका है। अब वे (किसान) उत्तर प्रदेश और पंजाब में ही रैलियां करेंगे। हरियाणा में चुनाव नहीं हैं इसलिए वहां कम रैलियां होंगी। रैलियों में संसाधन दूसरी पार्टियां दे रही हैं। विपक्षी दल किसानों के कंधे का इस्तेमाल करना चाहते हैं। म भी चाहते हैं किसानों से बातचीत शुरू हो और किसानों के वास्तविक मुद्दों पर सरकार के सामने चर्चा हो। कानून वापस लेने की बजाय जो संशोधन वे चाहते हैं, वो करवाना चाहिए। किसान 9 महीने से दिल्ली है। किसान यहां से कुछ न कुछ लेकर जाए, खाली हाथ न जाए।

Exit mobile version