महाराष्ट्र ने स्कूल छोड़ने वालों को वापस लाने के लिए शुरू किया अभियान

राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल कुल 25,204 बच्चे ऐसे थे जो स्कूल से बाहर थे।

महाराष्ट्र:महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने “मिशन जीरो ड्रॉपआउट” अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उन सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाना है, जो विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं।

इस अभियान के तहत 3-18 साल के आयु वर्ग के बच्चे हैं जिनमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी शामिल हैं। बता दें कि पहली बार, विभाग ने अभियान में सरकार के विभिन्न वर्गों- महिला और बाल विकास, सामाजिक कल्याण तथा आदिवासी और अल्पसंख्यक विभागों – से इसमें भागीदारी की मांग की है।

वहीं इस पहल के बारे में ट्वीट करते हुए, राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री बरसा गायकवाड़ ने कहा, “हर बच्चे के शिक्षा के अधिकार को बनाए रखने के लिए, हम सभी को स्कूल छोड़ने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारा स्कूल शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसलिए हम उन्हें स्कूल वापस लाने के लिए #MissionZeroDropOut लॉन्च कर रहे हैं।”

राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल कुल 25,204 बच्चे ऐसे थे जो स्कूल से बाहर थे। इनमें से 7,806 बच्चों ने (4,076 लड़के और 3,730 लड़कियां) कभी किसी स्कूल में दाखिला नहीं लिया, वहीं 17,397 (9,008 लड़के और 8,389 लड़कियां) ने महामारी के दौरान अनियमित उपस्थिति देखी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस सप्ताह शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया शूरू होने की संभावना है। वहीं आरटीई कोटा, शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए उपलब्ध कुल सीटों का 25 प्रतिशत है। प्रवेश प्रक्रिया के लिए संशोधित किए गए कार्यक्रम के इस सप्ताह तक जारी होने की उम्मीद है। वहीं इस वर्ष आरटीई कोटे के तहत प्रवेश के लिए केवल एक लॉटरी प्रक्रिया अयोजित होगी। बता दें कि लॉटरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, राज्य भर के स्कूलों में खाली सीटों के अनुसार वेटिंग लिस्ट जारी की जाएगी।