Home राष्ट्रीय पीएम मोदी पर लाल हुई ममता, फिर लिखा पत्र

पीएम मोदी पर लाल हुई ममता, फिर लिखा पत्र

कई मुख्यमंत्री ने शिकायत की है कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में उन्हें केवल सुनना पडता है, बोलने नहीं दिया जाता है। इस पर सीएम ममता बनर्जी ने अपना गुस्सा दिखाया है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में कई मसले उठाए हैं।

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना काल में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करते हैं। समीक्षा करते हैं और उसके बाद सरकारी आदेश जारी होता है। इस बैठक को लेकर कई मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाए। अब ताजा मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banarjee) का है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि यदि हमें बोलने का मौका नहीं दिया जाता है, तो बैठक में बुलाया ही क्यों जाता है ? उसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को संबोधित एक पत्र (Letter to PM ) लिखा है और उसे मीडिया में जारी कर दिया है।

दरअसल, कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्यवार बैठक की। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) ने कहा कि यदि राज्यों को बोलने की अनुमति नहीं थी तो उन्हें क्यों बुलाया गया। बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्ती के इस बयान के बाद उनकी ओर से एक पत्र भी लिखा गया है। प्रधानमंत्री को संबोधित इस पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, डिफेंस, बैंकों, बीमा, पोस्ट और टेलीग्राफ, कोयला जैसे अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।


गौर करने योग्य यह भी है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैक्सीन की बर्बादी रोकना बहुत ज़रूरी है। दूसरी लहर के बीच कोरोना वेरिएंट की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। हमें अधिक तैयार रहना होगा। अपने ज़िले में युवाओं और बच्चों में होने वाले संक्रमण के आंकड़े इकट्ठा कर उसपर विश्लेषण कीजिए। कोरोना ने आपके काम को पहले से कई अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। हमें गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलानी है। गांवों को कोरोना से मुक्त रखना है और लंबे समय तक जागरूकता का प्रयास जारी रखना है।

उन्होंने यह भी कहा कि आपके अनुभवों से हमें नीतियां बनाने में मदद मिलती है।टीकाकरण की रणनीति में राज्यों से मिलने वाले सुझावों को शामिल किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 15 दिन के टीकों की उपलब्धता की जानकारी राज्यों को दी जा रही है। टीकाकरण के प्रबंधन में आप सबको आसानी होने वाली है।

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