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Flood in Bihar : गंगा सहित कई नदियां उफान पर, बिहार के कई गांवों में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त

हर साल की तरह लाखों आबादी बाढ़ की परेशानी झेल रही है। मुख्यमंत्री-मंत्री हवाई दौरा कर रहे हैं। अधिकारी हर बार की तरह राहत व बचाव कार्य में लगे हैं। इसके बावजूद लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। गांव और घरों में पानी घुसता ही जा रहा है।

पटना। हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। हर साल की तरह सरकारी प्रयासों की बात हो रही है। मुख्यमंत्री सहित मंत्री और अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य की बात हो रही हैं। बावजूद लोग परेशान हैं, क्योंकि इस समस्या का स्थायी समाधान सरकार उनके लिए नहीं लेकर आती है।

गंडक नदी के पानी और ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश होने की वजह से राज्य के कई इलाकों में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण चंपारण व मिथिलांचल के कई गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा हो गया। बगहा में गंडक का उफान जारी रहने से दो सौ से अधिक घरों में पानी घुस गया है। पूर्वी चंपारण के आधा दर्जन प्रखंडों की 70 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है।

केंद्रीय जल आयोग गांधीघाट पटना के निदेशक संजीव कुमार सुमन का कहना है कि गंगा गांधीघाट में खतरे के निशान से नीचे है, कल इसे पार कर सकती है। हाथीदह, कहलगांव और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर है। जलस्तर और बढ़ सकता है। गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और घाघरा कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं।

सारण में डबरा नदी का बांध टूटने से दर्जनभर गांव जलमग्न हो गए हैं। उत्तर बिहार में बाढ़ से सवा लाख आबादी प्रभावित हुई है। सीतामढ़ी और शिवहर में एनएच 104 पर कई जगह बागमती का पानी चढ़ गया है। मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक व बूढ़ी गंडक नदियों में पानी चढ़ गया है। सुपौल में कोसी में पानी का डिस्चार्ज सामान्य है लेकिन नेपाल से आने वाली तिलयुगा और खड़क नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।

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