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Monsoon Season, इस मौसम में इन बीमारियों से बचें

बरसाती मौसम में होने वाली बीमारियां से कैसे बचाव करें। जानें मशहूर होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ एम डी सिंह से।

नई दिल्ली। बरसात में होने वाली मुख्य बीमारियां हैं-सर्दी जुकाम खांसी, बुखार, मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, चिकनगुनिया, अर्टिकेरिया, दाद- दिनाय, खुजली, फाइलेरिया, पीलिया, डायरिया, डिसेंट्री ,फूड प्वाइजनिंग, जोड़ों की दर्द, खसरा, चिकन पॉक्स, फोड़े- फुंसी, जापानी इंसेफेलाइटिस, कृमी रोग एवं इंसेक्ट बाइट इत्यादि।

चिकित्सा से कहीं ज्यादा जरूरी है रोग से बचाव किया जाए । थोड़ी-सी सतर्कता और हिदायत के साथ रहकर हम मौसम का आनंद भी उठा सकते हैं और रोगों से बचे भी रह सकते हैं। हम निम्न बातों का ध्यान रखकर आसानी से अपना बचाव कर सकते हैं-

  • पहली बारिश में ना भीगें। पहली बारिश में आकाश में फैले हुए प्रदूषण के कारण धूल धुआं इत्यादि पानी के साथ नीचे आ जाते हैं। जिनमें भीगने पर अर्टिकेरिया सर्दी जुकाम, बुखार खांसी एवं दमा जैसी अनेक एलर्जीकल बीमारियां हो सकती हैं।
  • भीगे वस्त्र देर तक ना पहने रहें। बरसात के मौसम में अनेक तरह के फंगस विकसित हो जाते हैं। भीगे वस्त्रों के साथ शरीर के फोल्ड वाली जगहों जैसे स्क्रोटम और जांघों के बीच, घुटने के पीछे वाली जगह, कोहनी के अंदर वाली जगह, कांख और गर्दन के पास दाद दिनाय के रूप में फंगस का आक्रमण हो जाता है।
  • कीचड़ और पानी में ज्यादा देर तक पांवों को डुबा कर ना रखें। ऐसा करने से उंगलियों के बीच में सड़न एवं भीगी मिट्टी में पनप रहे फंगस और इंसेक्ट्स के कारण अनेक परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं । ऐसी अवस्था में तुरंत घर लौट धो- पोछ कर सरसों, नारियल अथवा जैतून के गुनगुने तेल से मालिश करें।
  • बरसात के मौसम में कीड़े मकोड़े एवं मच्छर मक्खियों की अनेक प्रजातियां जन्म लेती है, जिनके लार्वा जलजमाव वाले स्थानों पर अपना जीवन चक्र प्रारंभ करते हैं।
  • डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए साफ जल एवं दूषित जल दोनों के जमाव को प्रतिबंधित करना पड़ेगा। जहां डेंगू के मच्छर को रोकने के लिए कूलर और गमलों के जल को निरंतर बदलना पड़ेगा वही मलेरिया के मच्छर को रोकने के लिए नाली- नालों और आसपास गड्ढों में कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए।
  • टाइफाइड और पीलिया जैसे जल जनित रोगों से बचने के लिए बरसात के मौसम में पीने के लिए उबालकर ठंडा किया हुआ पानी ही प्रयोग किया जाए।
  • नहाने से पहले सरसों, जैतून, अथवा नारियल के तेल का पूरे शरीर पर मालिश करें इससे कई तरह के फंगस से होने वाली व्याधियों से बचाव संभव है।
  • यदि घर में सील़न है तो आप कई तरह के रोगों से पीड़ित होने वाले हैं जिनमें से आर्थराइटिस अथवा गठिया भी एक है इसलिए बरसात प्रारंभ होने से पहले ही उसे यथासंभव दूर करने का प्रयास करें।
  • खुले में शौच ना करें । और जहां ऐसा हो रहा हो उसे रोकें और लोगों को शिक्षित करें । क्योंकि राउंड वर्म, टेपवर्म, पिन वर्म इत्यादि अनेकों कृमियों का प्रकोप इसी माध्यम से होता है।
  • बिछावन और वस्त्रों को धूप होते ही यथासंभव धूप दिखाएं ताकि आप अनेक किस्म की एलर्जी और स्केबीज से बच सकें।
  • उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई इलाके बरसात आते ही बच्चों को आक्रांत करने वाले मस्तिष्क ज्वर जापानी इंसेफेलाइटिस के आतंक से डरे रहते हैं। ऐसी अवस्था में स्वास्थ्य विभाग और सरकारी तंत्र के साथ आम जनता को भी साफ- सफाई और बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। खासतौर से मक्खियों और मच्छरों से बचाव अत्यंत आवश्यक है।
  • योग, व्यायाम और खेलकूद द्वारा अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
  • टीकाकरण द्वारा बच्चों और अपने को सुरक्षित कर लिया जाए।
  • बरसात के मौसम में मक्खियों की अधिकता एवं उमस के कारण खाद्य पदार्थों की विषाक्तता बढ़ जाती है। इसलिए किसी फंक्शन में यदि भोजन कर रहे हैं तो वहां की परिस्थितियों एवं अपने पेट का ध्यान अवश्य रखें।
  • मास्क अवश्य लगाएं। कोविड-19 के वायरस से बचाव तो होगा ही साथ ही इस मौसम में होने वाली कई अन्य ड्रॉपलेट इनफेक्शन तथा गंध से होने वाली एलर्जी से भी आप बचे रहेंगे।

 

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