इतिहास के पन्नो में लिखा एक ऐसा दिन जिसे हम राष्ट्रीय चांद दिवस के रुप में मनाते हैं। इस दिन की खासियत यह हैं कि इस दिन नील आर्मस्ट्रांग अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय यात्री बने थे। जिनका नाम इतिहास में बड़े ही गर्व के साथ लिया जाता है।
क्या हैं चांद दिवस का इतिहास
इसी दिन 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग (अंतरिक्ष यात्री) ने अपोलो 11 मिशन के दौरान चांद पर पहली बार कदम रखा था। जिसे दुनिया भर के लोगों ने लाइव टीवी पर देखा था। इस मिशन के दौरान उनके साथ एयरोस्पेस इंजीनियर, अधिकारी और कुछ प्रोफेसर भी शामिल थे इस मिशन की सारी जिम्मेदारी नील आर्मस्ट्रांग को सौंपी गई थी और वो इस मिशन को कमांड कर रहे थे।
नील आर्मस्ट्रांग ने जब पहली बार चांद पर कदम रखा तो इन्होने कहा “That one small step for man, one giant leap for mankind जिसका मतलब हैं की “यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम हैं और मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग हैं।“
इस मिशन के लिए नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथियों को 18 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा गया था और उनके कई सारे टेस्ट भी किए गए थे ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई बीमारी हो तो उसका पता लगाया जा सके। नील आर्मस्ट्रांग को इस मिशन के सफलतापूर्वक पूरा करने पर कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।
अब तक कई देशों ने किया चांद पर भ्रमण
नासा की मानें तो उन्होंने चांद पर कदम रखने को अब तक की अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताई है। तो वहीं अमेरिका, रसिया, जापान, चाइना, ने भी चांद पर खोज की हैं।
2019 में इसरो ने भी चंद्रयान मिशन 2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा था। लेकिन लैंडिंग के समय विक्रम का सम्पर्क इसरो से टूटने के कारण यह मिशन अधूरा रह गया था। हालाकि इसरो ने चंद्रयान मिशन 2 को फिर से चांद पर भेजने की घोषणा की है।