लखनऊ। हिन्दी कैलेण्डर के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, 22 मार्च, बुधवार से नवरात्र शुरू होंगे। इन्हें चैत्र या वांसतिक नवरात्र भी कहते हैं। इस बार पूरे नवरात्र हैं। प्रतिपदा को कलश स्थापना से नवरात्र पूजन शुरू हो जाएगा। नवरात्र की प्रतिपदा को आदि शक्ति मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की जाएगी। 30 मार्च को नवमी पूजन होगा। इसी दिन श्रीराम नवमी भी मनाई जाएगी। उस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त सुबह 8:50 मिनट से लेकर 10:47 मिनट तक है।
भारतीय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के निदेशक विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि पंचांग के अनुसार 22 मार्च से वासंतिक नवरात्र आरम्भ हो जाएंगे। वैसे तो कलश स्थापन बुधवार को सारा दिन कर सकते हैं, लेकिन शुभ मुहुर्त सुबह 8:50 मिनट से लेकर 10:47 मिनट तक है। उन्होंने बताया कि इस समय वृष लग्न रहेगी, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह स्थिर लग्न है। स्थिर लग्न में पूजा करना हमेशा लिए फलदायी माना जाता है।
उन्होंने बताया कि इस बार पूरे नवरात्र है। न कोई तिथि बढ़ी है और न ही कोई घटी है। भक्त नौ दिन देवी की पूजा कर पाएंगे। पूरे नवरात्र को शुभ माना जाता है। पं. विनोद मिश्र ने बताया कि 22 मार्च को प्रतिपदा, 23 को द्वितीया तिथि, 24 को तृतीया, 25 चतुर्थी, 26 मार्च को पंचमी, 27 को षष्ठी तिथि, 28 को सप्तमी व 29 मार्च को अष्टमी व्रत रखा जाएगा। 30 को नवरात्र का महानवमी पूजन किया जाएगा और साथ ही रामनवमी मनाई जाएगी।