नई दिल्ली। स्वास्थ्यरक्षा सुविधाओं के लिये डायग्नोस्टिक इमैजिंग (नैदानिक चित्रण) और सूचना प्रणालियों में अग्रणी फूजीफिल्म इंडिया प्रा. लि. ने टीबी पर अपने कैम्पेन “नेवर स्टॉप: स्क्रीनिंग टू रिड्यूस डायग्नोस्टिक डिलेज़’’ का दूसरा चरण लॉन्च किया है। इस कैम्पेन के दूसरे चरण का लक्ष्य लोगों के बीच इस जागरूकता को बढ़ाना है कि टीबी को इलाज से ठीक किया जा सकता है और चाय के क्षेत्र में काम करने वालों के बीच जाँच कराने और इस बीमारी का जल्दी पता लगाने को बढ़ावा देना। गुजरात, केरल और असम के चुनिंदा जिलों में आदिवासी आबादी समेत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों तक पहुँचना कठिन है। इस कैम्पेन के तहत फूजीफिल्म इंडिया हाथ से चलने वाली तीन एक्स-रे मशीनों और सामुदायिक परिवेशों में परियोजना के कार्यान्वयन द्वारा सहयोग देगी।
फूजीफिल्म ने 50 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुँचने और हाथ से चलने वाली एक्स-रे मशीनों से इनमें से लगभग 30,000 लोगों की जाँच करने का लक्ष्य तय किया है। यह परियोजना पहचाने गये संभावित मामलों के लिये भी टीबी की जाँच को आसान बनाएगी। इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एण्ड लंग डिसीज (द यूनियन) के साथ भागीदारी में इस परियोजना का मकसद सामुदायिक परिवशों में नये समाधानों का इस्तेमाल कर टीबी के शीघ्र निदान को बढ़ावा देने वाला एक मॉडल दिखाना है। इस अभियान के जरिए, फूजीफिल्म टीबी पर घर-घर में जागरुकता फैलाने की कोशिश करेगी और लोगों तक पहुंचने के लिए डीप लर्निंग के साथ डिजाइन किए गए Qure.ai के कम्प्यूटेड एडेड रेडियोलॉजी सॉफ्टवेयर ऐप्लीकेशन के अलावा मोबाइल डिजिटल एक्स-रे सेवायें मुहैया करायेगी। इस चरण के लिये प्रस्तावित जिले हैं, असम में सोनितपुर, गोलाघाट, जोरहट, सिवासागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया, केरल में वायनाड और गुजरात में कच्छ जिला। यह परियोजना सितंबर 2022 से शुरू होगी और अगस्त 2023 में समाप्त होगी।
इस कैम्पेन की सफलता के बारे में फूजीफिल्म इंडिया प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री कोजी वाडा ने कहा, “फूजीफिल्म में हम पूरी दुनिया में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये चिकित्सा जगत के सबसे बढ़िया नवाचार और टेक्नोलॉजी की पेशकश हेतु हमेशा समर्पित रहे हैं। हमारे नेवर स्टॉप: स्क्रीनिंग टू रिड्यूस डायग्नोस्टिक डिलेज़ कैम्पेन के पहले चरण की सफलता के बाद हम समाज के कम सेवा-प्राप्त वर्गों तक पहुँचकर चुनिंदा जिलों में सरकारी कार्यक्रम के सहायक बनकर काफी खुश हैं। कॉर्पोरेट टीबी प्लेज पहल का डायमंड मेम्बर होने के नाते हम भारत को टीबी से मुक्त देश बनाने के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और आने वाले महीनों में इस प्रयास को सहयोग देना जारी रखेंगे। हम नवाचार को कभी भी ना रोकने और दुनिया को ज्यादा स्वस्थ बनाने के लिये दृढ़-संकल्पित हैं।”
फूजीफिल्म कॉर्पोरेट टीबी प्लेज (सीटीपी) की डायमंड मेम्बर है, जिसका कार्यान्वयन यूएसएआईडी द्वारा समर्थित आईडिफीट टीबी परियोजना के तहत इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एण्ड लंग डिसीज (द यूनियन) द्वारा किया जा रहा है। कॉर्पोरेट टीबी प्लेज पहल को 2019 में भारत सरकार और यूएसएआईडी ने मिलकर लॉन्च किया था, ताकि टीबी के खिलाफ जंग में कॉर्पोरेट सहयोग मिल सके। कॉर्पोरेट टीवी प्लेज पहल में 230 से ज्यादा कॉर्पोरेट पार्टनर्स शामिल हुए हैं।
2025 तक एसडीजी के टीबी से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिये सरकार के आह्वान के अनुरूप, वैश्विक लक्ष्यों से पाँच साल पहले, फूजीफिल्म इंडिया कठिनाई से पहुंचने वाले समूहों के बीच यह जागरूकता बढ़ाना चाहता है कि ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी) को इलाज से ठीक किया जा सकता है और यह टीबी का जल्दी पता लगाने को आसान बनाना चाहता है, ताकि आखिरकार लोगों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके। ट्यूबरक्युलोसिस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही समय पर इसका पता चलने और इलाज पूरा होने से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।